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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का बयान- 'आई लव मुहम्मद' विवाद केवल सियासी, आम जनता को नहीं है आपत्ति

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उत्तर प्रदेश में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर और नारे को लेकर बरेली समेत कई जगहों पर विवाद और हिंसा देखने को मिली। इस मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपना स्पष्ट बयान जारी किया। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, "आई लव मुहम्मद पर किसी को असली आपत्ति नहीं है। न तो किसी हिंदू को, न किसी मुस्लिम को और न ही किसी सियासी शख्स को इससे ऐतराज है। यह केवल कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक एजेण्डा बनाने के लिए मुद्दा बनाया गया है।"

सियासी मुद्दा बनाने की निंदा

उन्होंने आगे कहा, "कुछ पॉलिटिकल और रेडिकल तत्व इस मामले को भड़काकर विवादित बना रहे हैं। पैगंबर-ए-इस्लाम के नाम को सियासी विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। यह केवल आस्था और सम्मान का मामला है। जो लोग इसे मुद्दा बना रहे हैं, उन्हें अपनी हरकतों पर रोक लगानी चाहिए।"

'किसी के बहकावे में न आएं'


मौलाना रजवी ने मुसलमानों से अपील की, "कृपया किसी के बहकावे में न आएं, उकसावे पर ध्यान न दें और पैगंबर की शिक्षाओं का पालन करें। यही असली रास्ता है।" उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरे देश में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर और नारे को लेकर बहस तेज है।

धार्मिक संदेश पर ध्यान दें, बैनर या होर्डिंग्स नहीं

मौलाना ने एक अन्य बयान में मुसलमानों को धार्मिक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "पैगंबर मोहम्मद की हदीस है – 'नमाज़ मेरी आंखों की ठंडक है'। इसलिए मुसलमानों को पांच वक्त की नमाज़ पढ़नी चाहिए। यही पैगंबर-ए-इस्लाम की रूह को सुकून देगा, न कि बैनर या पोस्टर।"

सभी इंसानियत के लिए रहमत

मौलाना रजवी ने याद दिलाया कि पैगंबर मोहम्मद रहमत-उल-आलमीन हैं। वे केवल मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि हिंदू, सिख, ईसाई और पूरी मानवता के लिए रहमत बनकर आए। उनका सबसे बड़ा संदेश है मोहब्बत, अमन और शांति।

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