सप्ताह के पहले कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार ने हल्की गिरावट के साथ शुरुआत की है। सोमवार सुबह शेयर बाजार का रुख सुस्त रहा और दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में कारोबार करते देखे गए। बीएसई सेंसेक्स 42 अंक की गिरावट के साथ लगभग 81,862 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया, जबकि एनएसई का निफ्टी 24 अंक कमजोर होकर 25,089 के स्तर तक फिसल गया।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में कोई खास हलचल नहीं रही, और ये लगभग स्थिर रहे। सेक्टोरल फ्रंट पर नज़र डालें तो आईटी और फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में हल्की खरीदारी देखी गई, जिससे बाजार को कुछ संतुलन मिला। हालांकि, कुल मिलाकर बाजार का मूड मिला-जुला रहा और निवेशक सतर्क रुख अपनाते नजर आए।
वैश्विक संकेतों की बात करें तो एशियाई बाजारों का रुख थोड़ा बेहतर दिखा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई का एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जिससे वैश्विक निवेशकों को थोड़ी राहत मिली। अमेरिका के बाजार शुक्रवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। वहीं, अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई और यह 0.60 प्रतिशत बढ़कर 67.39 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
शेयरों की बात करें तो बाजार में कुछ प्रमुख स्टॉक्स ने शुरुआती बढ़त हासिल की, जिसमें अपोलो हॉस्पिटल्स, हीरो मोटोकॉर्प, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई जैसे नाम शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर, टीसीएस, डॉ. रेड्डीज लैब्स, श्रीराम फाइनेंस और बजाज फिनसर्व जैसे स्टॉक्स पर दबाव बना रहा। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स, अदानी पोर्ट्स और पावर ग्रिड जैसे शेयरों में भी मजबूती दर्ज की गई, जबकि इन्फोसिस और टेक महिंद्रा जैसे आईटी शेयर फिसलते नजर आए।
मुद्रा बाजार में भी दबाव का माहौल रहा। सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे गिरकर 88.30 के स्तर पर आ गया। कारोबार की शुरुआत 88.25 पर हुई थी, लेकिन बाद में निर्यात को लेकर बढ़ते टैरिफ दबाव और विदेशी पूंजी के बहिर्वाह के चलते रुपये में गिरावट आई। विदेशी मुद्रा डीलरों के अनुसार, अमेरिका द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की अटकलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक दबावों के बीच रुपया सीमित दायरे में बना रहा।
बाजार की मौजूदा चाल को देखते हुए निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है। वैश्विक संकेत, अमेरिकी नीतिगत रुख और घरेलू कॉर्पोरेट नतीजों का असर अगले कुछ सत्रों में बाजार की दिशा तय करेगा।
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