NCERT द्वारा प्रमाणपत्रों की समानता की घोषणा
मुख्य विशेषताएँ
छात्रों पर प्रभाव
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने भारत के सभी शिक्षा बोर्डों द्वारा जारी 10वीं और 12वीं के प्रमाणपत्रों को समान दर्जा देने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस फैसले की आधिकारिक सूचना ई-गजट में दी है, जिसका उद्देश्य छात्रों के लिए प्रवेश और रोजगार प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
मुख्य विशेषताएँ
- छात्रों के लिए सीधे लाभ:
यह कदम छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती में मदद करेगा, क्योंकि उनके बोर्ड प्रमाणपत्रों की मान्यता समान होगी। - सरल प्रवास:
छात्र अब देशभर में विभिन्न स्कूल शिक्षा बोर्डों के बीच आसान स्थानांतरण का अनुभव करेंगे। NCERT द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्रों की सार्वभौमिक मान्यता होगी, जो इंटर-बोर्ड पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित करेगी। - जिम्मेदार प्राधिकरण:
समानता निर्धारित करने की जिम्मेदारी NCERT को दी गई है, जो राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र – PARAKH के तहत कार्य करेगा, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्थापित किया गया है। PARAKH यह सुनिश्चित करेगा कि समानता प्रक्रिया शैक्षणिक रूप से मजबूत और पारदर्शी हो, जिससे उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखा जा सके। - कवरेज वाले बोर्ड:
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा स्थापित शिक्षा बोर्ड
- संविधान या राज्य विधानसभाओं के अधिनियमों के माध्यम से बने बोर्ड
- कार्यकारी आदेशों द्वारा स्थापित बोर्ड
- प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत वैधानिक निकाय और मान्यता प्राप्त संस्थाएँ
- पिछली प्रणाली का प्रतिस्थापन:
यह नई अधिसूचना 15 नवंबर 2021 की पूर्व प्रणाली को प्रतिस्थापित करती है, जिसमें समानता की जिम्मेदारी भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के पास थी।
छात्रों पर प्रभाव
- उच्च शिक्षा में प्रवेश: छात्र अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आवेदन करते समय अपने प्रमाणपत्रों की समान मान्यता प्राप्त कर सकेंगे।
- रोजगार के अवसर: सरकारी नौकरियों के लिए बोर्ड स्तर की योग्यताओं की आवश्यकता होगी, जो NCERT द्वारा अनुमोदित समानता को स्वीकार करेगी।
- इंटर-बोर्ड स्थानांतरण: बोर्डों के बीच आसान प्रवास छात्रों के लिए शैक्षणिक निरंतरता सुनिश्चित करेगा, जो राज्यों या बोर्डों के बीच स्थानांतरित हो रहे हैं।
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