पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच दो राउंड की बैठकें बेनतीजा रही हैं। गुरुवार को इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने एक बार फिर अफगानिस्तान को चेतावनी दी।
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, "अगर बातचीत असफल होती है तो हालात बिगड़ेंगे। हमारे पास हमारा विकल्प है। जिस तरह से हमें निशाना बनाया जा रहा है, हम भी उसी तरह से जवाब दे सकते हैं।" उनके इस बयान पर जब मीडिया ने पूछा कि क्या आपके कहने का मतलब युद्ध है, तो पाकिस्तानी नेता ने कहा कि "हां, सिर्फ युद्ध।" हालांकि उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि अफगानिस्तान समझदारी से काम लेगा और क्षेत्र में शांति बहाल होगी।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती से हम पर होने वाले हमलों पर रोक लगाना पाकिस्तान का एकमात्र एजेंडा है। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई बात बन सकती है? इस पर आसिफ ने कहा कि बातचीत तभी की जाती है जब प्रगति की संभावना हो। अन्यथा, यह समय की बर्बादी है।
बता दें, आसिफ इससे पहले भी कई बार अफगानिस्तान को युद्ध की धमकी दे चुके हैं। डेली टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के दौरान पाकिस्तानी मंत्री ने कहा था कि अगर बातचीत फेल हो जाती है तो पाकिस्तान के पास अफगानिस्तान के साथ खुले संघर्ष में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्ष शांति चाहते दिख रहे हैं।
मामला सुलझाने के लिए कतर और तुर्किए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं।
फिलिपींस में कलमेगी तूफान के बाद नेशनल इमरजेंसी, 140 लोगों की मौत, 127 लापताफिलिपींस में तूफान कलमेगी ने भारी तबाही मचाई है। हालात देखते हुए फिलिपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड बोंगबोंग मार्कोस ने इसे तत्काल प्रभाव के तहत आपदा घोषित कर दिया है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और मैनेजमेंट काउंसिल (एनडीआरआरएमसी) के हवाले से बताया है कि इस तूफान में अब तक 140 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 127 लोग अब भी लापता हैं। बड़ी संख्या में लोगों को अपना आवास छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा। इस बीच रेस्क्यू टीम भी बचाव का काम कर रही है।
फिलिपींस के राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा, "कलमेगी, यानी कि टीनो तूफान, ने जिन क्षेत्रों में प्रभाव डाला है, और उवान (अंतर्राष्ट्रीय नाम फंग-वोंग) से जो प्रभावित होंगे, उसे ध्यान में रखते हुए नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और मैनेजमेंट काउंसिल (एनडीआरआरएमसी) के सुझाव पर हम कलमेगी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करते हैं।"
सिन्हुआ ने एनडीआरआरएमसी के हवाले से बताया है कि इस तूफान ने 5,00,000 परिवारों और 1.9 करोड़ नागरिकों को प्रभावित किया है। इस हफ्ते फिलिपींस पर एक दूसरे तूफान फंग-वोंग जिसका स्थानीय नाम उवान है, का खतरा भी मंडरा रहा है।
बता दें, कलमेगी इस साल का 20वां तूफान है, जिसने तबाही मचाई है। वहीं, फिलिपींस में भारी तबाही मचाने के बाद अब कलमेगी तूफान वियतनाम की ओर बढ़ चुका है।
हिज्बुल्लाह का लेबनान के नाम खुला खत, 'हमें निहत्था करने पर नहीं, इजरायल संग सीजफायर पर दें ध्यान 'हिज्बुल्लाह ने लेबनान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष को संबोधित एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमें उसने सरकार से आग्रह किया है कि वह उसके निरस्त्रीकरण पर ध्यान देने के बजाय इजरायल को युद्धविराम समझौते का पालन करने के लिए मजबूर करे।
पत्र में समूह ने लिखा है कि “लेबनान को इजरायल के साथ सीजफायर लागू करने और उसे इसका पालन करने के लिए बाध्य करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि दुश्मन (इजरायल) के साथ राजनीतिक वार्ताओं में उलझना चाहिए।”
हिज्बुल्लाह ने हथियारों पर एकाधिकार से जुड़े फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया, जिससे इजरायल को स्थिति का लाभ मिला। पत्र में लिखा गया है। “हथियारों पर एकाधिकार का फैसला इजरायल के हित में गया, क्योंकि उसने सीजफायर तोड़ने की शर्त के रूप में हमारे निरस्त्रीकरण को मुद्दा बना लिया।”
पत्र में आगे कहा गया है कि “हथियारों का मुद्दा किसी विदेशी दबाव या इजरायली ब्लैकमेल के तहत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय ढांचे के भीतर तय होना चाहिए।”
अमेरिका में अब तक का सबसे लंबा शटडाउन जारी, हवाई क्षमता में 10 फीसदी कटौती की चेतावनीअमेरिका में शटडाउन का असर हवाई सेवा पर भी होने वाला है। संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार शुक्रवार सुबह से 40 प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ान संचालन में 10 प्रतिशत की कटौती करेगी। परिवहन सचिव सीन डफी ने बुधवार को घोषणा की।
अमेरिका में सरकारी शटडाउन को 36 दिन हो गए हैं। अमेरिका में इससे लंबा शटडाउन पहले कभी नहीं हुआ था। वहीं परिवहन सचिव ने शटडाउन की वजह से हवाई यातायात नियंत्रण संचालन पर बढ़ते दबाव का हवाला दिया।
इसकी वजह से वाणिज्यिक और मालवाहक उड़ानों सहित प्रतिदिन 3,500 से 4,000 उड़ानें प्रभावित होने की आशंका है। अधिकारियों ने फिलहाल यह नहीं बताया कि किन हवाई अड्डों पर उड़ानों में कटौती की जाएगी। ऐसे में गुरुवार को इस संबंध में अधिक जानकारी आने की उम्मीद है।
सीन डफी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह एक सक्रिय कदम है। यह कब खत्म होगा, इसकी कोई आखिरी तारीख नहीं है। हमें लगा कि हम जिस दबाव को देख रहे थे, उसके आधार पर 10 प्रतिशत सही संख्या है।"
संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के अनुसार, शटडाउन के कारण कर्मचारियों की कमी के बीच सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। इस बंद के कारण हजारों हवाई यातायात नियंत्रक और परिवहन सुरक्षा प्रशासन (टीएसए) के निरीक्षक बिना वेतन के काम कर रहे हैं।
एफएए प्रशासक ब्रायन बेडफोर्ड ने कहा कि एजेंसी के आंकड़ों से कर्मचारियों में परिचालन संबंधी तनाव और थकान महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे को अनदेखा किया गया, तो एयरलाइन प्रणाली की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। बेडफोर्ड ने जोर देकर कहा कि दुनिया की सबसे सुरक्षित एयरलाइन प्रणाली बनाए रखने के लिए इस समस्या का समाधान करना आवश्यक है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को आवश्यक कर्मचारी माना जाता है, जबकि उन्हें बिना वेतन के भी काम करना पड़ता है। निर्धारित उड़ान क्षमता में 10 प्रतिशत की कमी, सरकारी बंद के दौरान एफएए द्वारा की गई एक अभूतपूर्व कार्रवाई को दर्शाती है।
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