तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने शनिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए 98 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं।
गोखले ने कहा, ‘‘शेष दो प्रतिशत वे लोग हैं जो बीजेपी की ‘वाशिंग मशीन’ में शामिल हो गए।’’
गोखले ने ईडी निदेशक राहुल नवीन के बृहस्पतिवार के बयान का हवाला देते हुए दावा किया कि 2014 के बाद मामलों में वृद्धि नरेन्द्र मोदी के इशारे पर हुई, जो उसी वर्ष सत्ता में आए थे।
ईडी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में नवीन ने कहा था कि धनशोधन रोधी कानून 2014 से पहले ‘‘काफी हद तक अप्रभावी’’ था लेकिन उसके बाद से प्रवर्तन गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कल केंद्रीय एजेंसी ईडी के प्रमुख ने माना कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद मामले दर्ज होने में उछाल आया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में ईडी ने कुल 5,297 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से कितने मामलों को सुनवाई के लिए अदालत ले जाया गया? केवल 47।’’
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि ईडी के मामलों में सजा की दर केवल 0.7 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि दर्ज किए गए हर 1000 मामलों में से केवल सात मामलों में ही आरोपी दोषी पाए गए।’’
गोखले ने कहा, ‘‘मतलब कि हर 1000 मामलों में से 993 मामले ईडी द्वारा केवल किसी व्यक्ति को जेल में रखने के लिए दर्ज किए जाते हैं, क्योंकि कठोर पीएमएलए के तहत जमानत मिलना लगभग असंभव है।’’
उन्होंने केंद्र पर जांच प्रक्रिया को सजा के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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