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थायराइड नहीं हो रही कंट्रोल? जानें असरदार आयुर्वेदिक उपाय

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आज के दौर में थायराइड की समस्या आम हो गई है। तनाव, अनियमित खानपान, जंक फूड और लाइफस्टाइल की वजह से यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। जबकि आधुनिक दवाएं थायराइड को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, कई लोग प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय की तलाश में रहते हैं। आयुर्वेद में थायराइड के लिए कई कारगर उपचार बताए गए हैं जो हार्मोन बैलेंस करने और शरीर की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं।

थायराइड के मुख्य कारण

  • आयोडीन की कमी या अधिकता
  • तनाव और नींद की कमी
  • जंक फूड और असंतुलित आहार
  • हार्मोनल बदलाव और आनुवंशिक कारण

थायराइड के सामान्य लक्षण

  • वजन बढ़ना या कम होना
  • थकान और ऊर्जा की कमी
  • बाल झड़ना और स्किन का सूखापन
  • चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग
  • हृदय गति में बदलाव

आयुर्वेदिक उपचार और नुस्खे

1. अश्वगंधा (Ashwagandha)

  • कैसे लें: 1-2 ग्राम पाउडर या कैप्सूल रोज़ सुबह।
  • फायदा: थायराइड हार्मोन को संतुलित करता है और तनाव कम करता है।

2. गोक्षुर (Gokshura)

  • कैसे लें: गोक्षुर का अर्क या पाउडर।
  • फायदा: मेटाबोलिज़्म सुधारता है और हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

3. जटामांसी (Jatamansi)

  • कैसे लें: चूर्ण या कैप्सूल के रूप में।
  • फायदा: मानसिक शांति और नींद में सुधार लाता है, थायराइड के असंतुलन को कम करता है।

4. आहार में सुधार

  • आयोडीन से भरपूर आहार (जैसे समुद्री भोजन, कद्दू के बीज)
  • ताजे फल और हरी सब्जियां
  • प्रोसेस्ड और फास्ट फूड से बचें

ध्यान रखने योग्य बातें

  • आयुर्वेदिक उपचार नियमित और सतत रूप से लें।
  • थायराइड की दवा बंद करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी करें।

आयुर्वेदिक उपायों और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ आप थायराइड को नियंत्रित कर सकते हैं और ऊर्जा, मानसिक शांति और वजन संतुलन जैसे फायदे पा सकते हैं।

 

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