Delhi Schools Teachers AI Training : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्कूलों की पढ़ाई का तरीका बदलने जा रहा है। दिल्ली सरकार और स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने मिलकर इसकी शुरुआत कर दी है। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली स्कूलों के टीचर्स को AI का मास्टर बनाना है। 'AI-Mediated Classroom Project' के तहत अलग-अलग फेज में स्कूल टीचर्स को एआई टूल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी।
एआई का इस्तेमाल तेजी से दुनियाभर में पढ़ाई से लेकर काम करने के तरीके बदल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 80% रिसर्चर्स एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए स्कूली पढ़ाई में एआई को जोड़ा जाना बहुत जरूरी हो गया है। बदलते दौर में बेहतर करियर के लिए स्टूडेंट्स को एआई स्किल से लैस करने की मुहिम शुरू हो गई है। NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप भी इसी दिशा में अहम कदम है। रजिस्टर करके आप इसका फायदा उठा सकते हैं, सीटें लिमिटेड हैं।
50 स्कूलों के 100 टीचर्स की होगी ट्रेनिंगदिल्ली सरकार और SCERT ने 'AI-Mediated Classroom Project' शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत, शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली भर के 50 सरकारी स्कूलों की पहचान की गई है। एआई ट्रेनिंग के लिए 50 स्कूलों में से कंप्यूटर साइंस के दो-दो टीचर्स को चुना गया है।
टीचर्स अपनी क्लासेस में एआई टूल्स को इंटीग्रेटेड करने के लिए ट्रेनिंग लेंगे। एससीईआरटी द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि उसके इस नए कदम का उद्देश्य टीचर्स को जरूरी नॉलेज, स्किल्स और टूल्स से सशक्त बनाना है, ताकि वे एआई के जरिए सीखने के नए तरीकों, इनोवेशन और असेसमेंट में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर सकें।
टीचर्स की AI ट्रेनिंग में क्या-क्या होगा?इस एआई प्रोजेक्ट के जरिए टीचर्स को पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन बनाने, एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटज के लिए नए-नए आइडिया सोचने और फोटो एडिटिंग करने जैसे नॉन-टीचिंग टास्क संभालने में भी मदद करेगी। इसके अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम्स के लिए जरूरी स्किल सिखाए जाएंगे। प्रत्येक 50 स्कूल इन विषयों से तीन शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नॉमिनेट करेगा। प्रत्येक स्कूल में कुल 15 टीचर्स ट्रेनिंग लेंगे।
8-9 अक्टूबर को पहले फेजपहले फेज में, 50 स्कूलों के 100 कंप्यूटर विज्ञान शिक्षक 8 और 9 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। ट्रेनिंग के बाद, ये 100 टीचर्स मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करेंगे और अन्य शिक्षकों को एआई टूल्स के प्रभावी उपयोग के बारे में मार्गदर्शन देंगे। ट्रेनिंग के दूसरे फेज में कक्षा 6 और 9 के गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों पर केंद्रित होगा।
एआई का इस्तेमाल तेजी से दुनियाभर में पढ़ाई से लेकर काम करने के तरीके बदल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 80% रिसर्चर्स एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए स्कूली पढ़ाई में एआई को जोड़ा जाना बहुत जरूरी हो गया है। बदलते दौर में बेहतर करियर के लिए स्टूडेंट्स को एआई स्किल से लैस करने की मुहिम शुरू हो गई है। NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप भी इसी दिशा में अहम कदम है। रजिस्टर करके आप इसका फायदा उठा सकते हैं, सीटें लिमिटेड हैं।
50 स्कूलों के 100 टीचर्स की होगी ट्रेनिंगदिल्ली सरकार और SCERT ने 'AI-Mediated Classroom Project' शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत, शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली भर के 50 सरकारी स्कूलों की पहचान की गई है। एआई ट्रेनिंग के लिए 50 स्कूलों में से कंप्यूटर साइंस के दो-दो टीचर्स को चुना गया है।
टीचर्स अपनी क्लासेस में एआई टूल्स को इंटीग्रेटेड करने के लिए ट्रेनिंग लेंगे। एससीईआरटी द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि उसके इस नए कदम का उद्देश्य टीचर्स को जरूरी नॉलेज, स्किल्स और टूल्स से सशक्त बनाना है, ताकि वे एआई के जरिए सीखने के नए तरीकों, इनोवेशन और असेसमेंट में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर सकें।
टीचर्स की AI ट्रेनिंग में क्या-क्या होगा?इस एआई प्रोजेक्ट के जरिए टीचर्स को पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन बनाने, एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटज के लिए नए-नए आइडिया सोचने और फोटो एडिटिंग करने जैसे नॉन-टीचिंग टास्क संभालने में भी मदद करेगी। इसके अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम्स के लिए जरूरी स्किल सिखाए जाएंगे। प्रत्येक 50 स्कूल इन विषयों से तीन शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नॉमिनेट करेगा। प्रत्येक स्कूल में कुल 15 टीचर्स ट्रेनिंग लेंगे।
8-9 अक्टूबर को पहले फेजपहले फेज में, 50 स्कूलों के 100 कंप्यूटर विज्ञान शिक्षक 8 और 9 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। ट्रेनिंग के बाद, ये 100 टीचर्स मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करेंगे और अन्य शिक्षकों को एआई टूल्स के प्रभावी उपयोग के बारे में मार्गदर्शन देंगे। ट्रेनिंग के दूसरे फेज में कक्षा 6 और 9 के गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों पर केंद्रित होगा।
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