महानायक अमिताभ बच्चन के छोटे भाई अजिताभ बच्चन ने अपने परिवार के सरनेम की कहानी सुनाई है। उन्होंने बताया कि उनके पिता, महान कवि हरिवंश राय बच्चन ने भारत की जाति व्यवस्था के विरोध में जानबूझकर 'श्रीवास्तव' सरनेम छोड़ दिया था। इसकी जगह उन्होंने बच्चन सरनेम अपना लिया था।
कायस्थ कम्यूनिटी से आने वाले हरिवंश राय ने पहली बार साहित्यिक छद्म नाम के रूप में 'बच्चन' का इस्तेमाल किया था। हिंदी में सुनने में 'बच्चे जैसा' अर्थ वाला ये शब्द उनकी मां ने ये उपनाम रखा था। अजिताभ ने हाल ही में आरजे सचिन के साथ बातचीत में बताया, 'वह उन्हें- बच्चनवा किधर है? कहकर बुलाती थीं और उन्हें (हरिवंश राय बच्चन) ये अच्छा लगा और उन्होंने इसे अपने लेखन में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।'
यह नाम जल्द ही फैमिली आइडेंटिटी में बदल गयाएक पेन नेम से शुरू हुआ यह नाम जल्द ही फैमिली आइडेंटिटी में बदल गया। जब अमिताभ बच्चन का स्कूल में दाखिला हुआ, तो उनके पिता ने अपने बेटे का सरनेम बच्चन लिखवाया और जाति से जुड़ा श्रीवास्तव सरनेम हटा दिया। इस पहल ने एक नई पारिवारिक विरासत की शुरुआत की जो व्यक्तित्व और समानता पर बेस्ड थी।
'मेरे पिता उसका नाम इन्कलाब रखना चाहते थे'अजिताभ ने अपने पिता द्वारा चुने गए नामों के पीछे छिपी क्रांतिकारी भावना का भी खुलासा किया। उन्होंने याद करते हुए कहा, 'मेरा भाई मुझसे पांच साल बड़ा था और मेरे पिता उसका नाम इन्कलाब रखना चाहते थे, क्योंकि वह आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। मेरा नाम आजाद रखा जाना था। मैं आजाद भारत में पैदा हुआ था।' दिलचस्प बात यह है कि अजिताभ की बेटी, जो एक चित्रकार हैं, ने 'इन्कलाब' और 'आज़ाद' से प्रेरित होकर चित्र भी बनाए हैं।
अमिताभ बच्चन विरासत को आगे बढ़ा रहे हैंआखिरकार अमिताभ ही औपचारिक रूप से 'बच्चन' सरनेम का इस्तेमाल करने वाले पहले व्यक्ति बने, एक ऐसा नाम जो तब से हिंदी सिनेमा का पर्याय बन गया है। आज, 82 वर्ष की आयु में, अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री के सबसे व्यस्त एक्टर्स में से एक हैं।
क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' को होस्ट कर रहे हैंवह लंबे समय से चल रहे क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' को होस्ट कर रहे हैं और साथ ही कई बड़ी फिल्मी प्रॉजेक्ट में भी व्यस्त हैं। अब अमिताभ 'कल्कि 2898 एडी' के सीक्वल और कोर्टरूम ड्रामा सेक्शन 84 में नजर आएंगे। फिल्मों के अलावा, वह अपने निजी ब्लॉग के जरिए भी फैन्स से जुड़े रहते हैं। यहां वो अपनी पर्सनल लाइफ, परिवार और सिनेमा पर खुलकर अपनी बात रखते हैं। इसके अलावा वह रविवार को अपने मुंबई स्थित बंगले जलसा में अपने फैन्स से मिलने की परंपरा को भी बरसों से आज तक जारी रखा।
कायस्थ कम्यूनिटी से आने वाले हरिवंश राय ने पहली बार साहित्यिक छद्म नाम के रूप में 'बच्चन' का इस्तेमाल किया था। हिंदी में सुनने में 'बच्चे जैसा' अर्थ वाला ये शब्द उनकी मां ने ये उपनाम रखा था। अजिताभ ने हाल ही में आरजे सचिन के साथ बातचीत में बताया, 'वह उन्हें- बच्चनवा किधर है? कहकर बुलाती थीं और उन्हें (हरिवंश राय बच्चन) ये अच्छा लगा और उन्होंने इसे अपने लेखन में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।'
यह नाम जल्द ही फैमिली आइडेंटिटी में बदल गयाएक पेन नेम से शुरू हुआ यह नाम जल्द ही फैमिली आइडेंटिटी में बदल गया। जब अमिताभ बच्चन का स्कूल में दाखिला हुआ, तो उनके पिता ने अपने बेटे का सरनेम बच्चन लिखवाया और जाति से जुड़ा श्रीवास्तव सरनेम हटा दिया। इस पहल ने एक नई पारिवारिक विरासत की शुरुआत की जो व्यक्तित्व और समानता पर बेस्ड थी।
'मेरे पिता उसका नाम इन्कलाब रखना चाहते थे'अजिताभ ने अपने पिता द्वारा चुने गए नामों के पीछे छिपी क्रांतिकारी भावना का भी खुलासा किया। उन्होंने याद करते हुए कहा, 'मेरा भाई मुझसे पांच साल बड़ा था और मेरे पिता उसका नाम इन्कलाब रखना चाहते थे, क्योंकि वह आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। मेरा नाम आजाद रखा जाना था। मैं आजाद भारत में पैदा हुआ था।' दिलचस्प बात यह है कि अजिताभ की बेटी, जो एक चित्रकार हैं, ने 'इन्कलाब' और 'आज़ाद' से प्रेरित होकर चित्र भी बनाए हैं।
अमिताभ बच्चन विरासत को आगे बढ़ा रहे हैंआखिरकार अमिताभ ही औपचारिक रूप से 'बच्चन' सरनेम का इस्तेमाल करने वाले पहले व्यक्ति बने, एक ऐसा नाम जो तब से हिंदी सिनेमा का पर्याय बन गया है। आज, 82 वर्ष की आयु में, अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री के सबसे व्यस्त एक्टर्स में से एक हैं।
क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' को होस्ट कर रहे हैंवह लंबे समय से चल रहे क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' को होस्ट कर रहे हैं और साथ ही कई बड़ी फिल्मी प्रॉजेक्ट में भी व्यस्त हैं। अब अमिताभ 'कल्कि 2898 एडी' के सीक्वल और कोर्टरूम ड्रामा सेक्शन 84 में नजर आएंगे। फिल्मों के अलावा, वह अपने निजी ब्लॉग के जरिए भी फैन्स से जुड़े रहते हैं। यहां वो अपनी पर्सनल लाइफ, परिवार और सिनेमा पर खुलकर अपनी बात रखते हैं। इसके अलावा वह रविवार को अपने मुंबई स्थित बंगले जलसा में अपने फैन्स से मिलने की परंपरा को भी बरसों से आज तक जारी रखा।
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