नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है। ऐसे में सभी को इंतजार बारिश का है। उम्मीद की जा रही कि बारिश से वातावरण में सुधार आ सकता है। हालांकि, बारिश को लेकर स्थितियां अभी भी अनुकूल नजर नहीं आ रही। ऐसे में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्लाउड सीडिंग की तैयारी पूरी कर ली गई है। आज ही दिल्ली के बुराड़ी में कृत्रिम बारिश की संभावना है। इसके लिए कानपुर से स्पेशल विमान क्लाउड सीडिंग परीक्षण के लिए दिल्ली रवाना होने की खबर है।
दिल्ली में आज क्लाउड सीडिंग टेस्ट
मौसम विभाग के अनुसार, अगर विजिबिलिटी ठीक रहती है तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला एयरक्राफ्ट दिल्ली पहुंचेगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम बारिश के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है। इस फैसले से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सकता है। इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान की जा चुकी है। इसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था।
बुराड़ी में सभी तैयारियां पूरी
बताया जा रहा कि यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब वास्तविक प्रयोग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया था कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम बारिश के लिए विशेषज्ञों ने गुरुवार को परीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
कानपुर से आ रहा खास विमान
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है। सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
क्या कृत्रिम बारिश से साफ होगी हवा?
क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है। वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
दिल्ली में आज क्लाउड सीडिंग टेस्ट
मौसम विभाग के अनुसार, अगर विजिबिलिटी ठीक रहती है तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला एयरक्राफ्ट दिल्ली पहुंचेगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम बारिश के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है। इस फैसले से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सकता है। इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान की जा चुकी है। इसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था।
बुराड़ी में सभी तैयारियां पूरी
बताया जा रहा कि यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब वास्तविक प्रयोग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया था कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम बारिश के लिए विशेषज्ञों ने गुरुवार को परीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
कानपुर से आ रहा खास विमान
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है। सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
क्या कृत्रिम बारिश से साफ होगी हवा?
क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है। वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
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