पुणे : महाराष्ट्र के पुणे में पोर्शे हादसा ने पूरे देश में सनसनी मचा दी थी। इस केस में महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC) ने ससून जनरल अस्पताल के दो बड़े डॉक्टरों पर एक्शन लेते हुए उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया है। 19 मई, 2024 को हुए पोर्शे कार एक्सीडेंट में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई थी।MMC ने ससून अस्पताल के फॉरेंसिक साइंस विभाग के पूर्व हेड डॉ. अजय तावरे और कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. श्रीहरि हलनोर का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है। इन दोनों डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने एक्सीडेंट करने वाले नाबालिग लड़के के ब्लड सैंपल को बदल दिया था। फिलहाल, दोनों डॉक्टर महाराष्ट्र की जेल में हैं और उन पर मुकदमा चल रहा है।MMC के एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. विंकी रुघवानी ने बताया कि जांच पूरी होने तक, गलत काम करने के आरोप में इन दोनों डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। अब ये डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक ये डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर सकते। पुणे पुलिस से मांगी थी रिपोर्टडॉ. तावरे और डॉ. हलनोर दोनों ही अभी येरवदा सेंट्रल जेल में बंद हैं। MMC ने पुणे पुलिस और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी। इन रिपोर्टों के आधार पर ही MMC ने दोनों डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया। डॉ. हलनोर उस समय CMO थे, जब एक्सीडेंट के बाद नाबालिग लड़के को अस्पताल लाया गया था। पुलिस का कहना है कि डॉ. हलनोर ने डॉ. तावरे के कहने पर ही ब्लड सैंपल बदला था। कोर्ट के फैसले के आधार पर आगे कार्रवाईडॉ. रुघवानी ने आगे बताया कि हमें पुलिस कमिश्नर ऑफिस और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट से जरूरी कागजात मिल गए थे। हमने कई मीटिंग की और इस मामले पर सुनवाई की। इसके बाद हमने सोमवार को दोनों डॉक्टरों को सस्पेंशन का ऑर्डर भेज दिया। उन पर गलत तरीके से काम करने और अनैतिक काम करने के आरोप हैं। जांच पूरी होने तक उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। इसलिए, जब तक सस्पेंशन जारी रहेगा, तब तक वे डॉक्टर के तौर पर काम नहीं कर पाएंगे और न ही उन्हें डॉक्टर की नौकरी मिल पाएगी। रुपये लेकर बदले थे ब्लड सैंपलडॉ. तावरे और डॉ. हलनोर को 27 मई, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। नाबालिग लड़के का ब्लड सैंपल ससून अस्पताल और औंध जिला अस्पताल में अलग-अलग आया था। जांच में पता चला कि ससून अस्पताल में ब्लड सैंपल बदला गया था। बाद में पता चला कि पैसे लेकर नाबालिग लड़के का ब्लड सैंपल उसकी मां के ब्लड सैंपल से बदला गया था। लड़के की मां भी इस मामले में आरोपी है और वह भी जेल में है। ऐसे पहुंचाई गई थी रकमनाबालिग लड़के के पिता एक बड़े बिल्डर हैं। वह और इस मामले में शामिल दूसरे लोग भी जेल में हैं। उन्होंने दो आदमियों को पैसे दिए थे, ताकि वे हलनोर को पैसे पहुंचा सकें। ये पैसे एक मर्चरी के कर्मचारी के जरिए पहुंचाए गए थे, जो फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट में काम करता था। पुलिस ने उन दोनों आदमियों और मर्चरी के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया था। ससून अस्पताल ने पहले ही दोनों डॉक्टरों और मर्चरी के कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया था।
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