मुंबई: मुंबई मेट्रोपॉलिटिन रीजन (MMR) के मीरा भाईंदर में आने वाले दहिसर टोला नाका में पिछले दिनों सरकार ने शिफ्ट करने का फैसला किया था। यह ऐलान खुद डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने किया था। इसमें कहा गया था कि टोल नाके को अब वेस्टर्न होटल और घाेडबंदर के बीच स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार ने फैसला मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर लगने वाले भीषण जाम को देखते हुए लिखा था, लेकिन अब दहिसर टोल प्लाजा स्थायी रूप से बंद करने की मांग तेज हो गई है। अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेश महासचिव और पूर्व पार्षद डॉ. आसिफ शेख ने इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निवेदन दिया था। इस पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान लेते हुए एमएसआरडीसी और मुंबई निगम आयुक्त को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्या है एनसीपी नेता की मांग?
डॉ. शेख ने बताया का कहना है कि इस टोल से रोजाना हजारों वाहन चालकों को भारी जाम और परेशानी झेलनी पड़ती है। राज्य सरकार ने पहले टोल को मीरा-भाईंदर सीमा से बाहर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, लेकिन नागरिकों के विरोध की वजह से योजना अभी प्रलंबित है। इस बीच मुंबई मनपा ने दहिसर चेकपोस्ट परिसर में 1500 करोड़ से होटल, मॉल और परिवहन केंद्र विकसित करने का टेंडर जारी कर दिया है। शेख ने कहा कि जब तक टोल समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक प्रकल्प स्थगित किया जाए।
टोल शिफ्ट का विरोध क्यों?
दरअसल आगे शिफ्ट होने से जहां काशिमिरा से दहिसर तक रोजाना जाम से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी राहत देगा तो वहीं मीरा-भाईंदर के व्यापारियों की तकलीफ बढ़ेगी, क्योंकि अब मीरा-भाईंदर से मुंबई जाने वाली कमर्शल गाड़ियां (ट्रक, टेंपो आदि) भले टोल मुक्त होंगी, लेकिन ठाणे, भिवंडी, विरार और गुजरात से दूध, अनाज, शक्कर और सब्जियां लेकर आने वाले हजारों वाहन टोल के दायरे में आ जाएंगे। इससे स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि उनके ऊपर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा और वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ेगा। दहिसर टोल नाका बिल्कुल मीरा भाईंदर की सीमा पर स्थित है। इसे उत्तर दिशा में दो किलोमीटर वर्सोवा ब्रिज की तरफ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है।
क्या है एनसीपी नेता की मांग?
डॉ. शेख ने बताया का कहना है कि इस टोल से रोजाना हजारों वाहन चालकों को भारी जाम और परेशानी झेलनी पड़ती है। राज्य सरकार ने पहले टोल को मीरा-भाईंदर सीमा से बाहर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, लेकिन नागरिकों के विरोध की वजह से योजना अभी प्रलंबित है। इस बीच मुंबई मनपा ने दहिसर चेकपोस्ट परिसर में 1500 करोड़ से होटल, मॉल और परिवहन केंद्र विकसित करने का टेंडर जारी कर दिया है। शेख ने कहा कि जब तक टोल समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक प्रकल्प स्थगित किया जाए।
टोल शिफ्ट का विरोध क्यों?
दरअसल आगे शिफ्ट होने से जहां काशिमिरा से दहिसर तक रोजाना जाम से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी राहत देगा तो वहीं मीरा-भाईंदर के व्यापारियों की तकलीफ बढ़ेगी, क्योंकि अब मीरा-भाईंदर से मुंबई जाने वाली कमर्शल गाड़ियां (ट्रक, टेंपो आदि) भले टोल मुक्त होंगी, लेकिन ठाणे, भिवंडी, विरार और गुजरात से दूध, अनाज, शक्कर और सब्जियां लेकर आने वाले हजारों वाहन टोल के दायरे में आ जाएंगे। इससे स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि उनके ऊपर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा और वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ेगा। दहिसर टोल नाका बिल्कुल मीरा भाईंदर की सीमा पर स्थित है। इसे उत्तर दिशा में दो किलोमीटर वर्सोवा ब्रिज की तरफ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है।
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