खरगोन:मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में समय पर एंबुलेंस ना आने के चलते सड़क पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म दिए जाने के मामले में जिला कलेक्टर के निर्देश पर गठित जांच समिति ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट पर चार कर्मचारियों के मानदेय व वेतन काटने के अलावा एम्बुलेंस सेवा पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
सीएमएचओ डॉक्टर एमएस सिसोदिया ने बताया कि सड़क पर प्रसव के मामले में जिला कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर उनके नेतृत्व में जिला स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि आशा कार्यकर्ता द्वारा बार-बार 108 पर कॉल किए जाने के बावजूद उत्तर नहीं दिए जाने के चलते महेश अपनी पत्नी को बाइक पर बिठाकर अस्पताल ले गया , जहां रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया था। उन्होंने बताया प्रसव होने के बाद ग्रहों द्वारा भी 108 पर कॉल किया गया लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि 108 वाहन संचालित करने वाली जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा अपने कर्तव्य व दायित्वों का निर्वहन पूर्ण लगन निष्ठा एवं ईमानदारी से नहीं किया जा रहा, जिससे विभाग और जिले की छवि धूमिल हुई है। इसलिए उनके विरुद्ध राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के मिशन संचालक को पत्र लिख अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई है।
आशा और एएनएम का इंसेंटिव कटेगा
उन्होंने बताया कि शासन के नियमानुसार ग्राम में गर्भवती माता को अति आवश्यक आकस्मिक सेवाएं प्रदान करना अनिवार्य है। लेकिन इस मामले में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर महेश्वर की आशा कार्यकर्ता संगीता जायसवाल और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर भगवानपुरा की आशा कार्यकर्ता रेलिया खोड़े की लापरवाही सामने आई है, इसलिए दोनों के 15 दोनों के इंसेंटिव की कटौती के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुरा की एएनएम भारती पवार और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महेश्वर की एएनएम चेतना निरवेल की भी लापरवाही सामने आने के चलते उनका 5 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं।
जो प्रसूता पंजीकृत नहीं, उनकी भी जिम्मेदारी होगी
खरगोन की जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा कि हम सभी आशा और एएनएम को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर महिला उनके इलाके में रहती है, तो उनके इलाके में पंजीकृत न होने वाली डिलीवरी भी उनकी ज़िम्मेदारी है। इसके अलावा, बीएमओ को 108 एम्बुलेंस का सत्यापन करने और किसी भी खराबी की सूचना देने के लिए प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। किसी भी खराबी के लिए 108 वेंडर की राशि काट ली जाएगी।
सड़क पर डिलीवरी हो गई थी
सीएमएचओ के अनुसार 25 वर्षीय लीलू बाई मूलतः भगवानपुरा विकासखंड के अंबा खेड़ा की निवासी है, और फिलहाल अपने पति महेश के साथ महेश्वर ब्लॉक के तेजपुर बठौली में रहकर मजदूरी करती है। हालांकि लीलू बाई की विभिन्न जांच और सोनोग्राफी हुई थी और 29 अक्टूबर को डिलीवरी संभावित थी। उसने 4 अक्टूबर को दिनभर मजदूरी का काम भी किया था और उसी रात पति महेश द्वारा दुपहिया वाहन से बड़वाह के सिविल अस्पताल लाये जाने के दौरान के ग्राम बिठूद के पास सड़क पर डिलीवरी हो गई थी।
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