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उसे खुद ब खुद दफन हो जाने दो... 'जूता कांड' पर सुप्रीम कोर्ट ने कह दी बड़ी बात

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सोमवार को बड़ी बात कह दी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि मामले को ज्यादा तूल न देकर उसे खुद ब खुद दफन हो जाने दो। ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में चर्चित हुए जूता कांड पर सुनवाई के दौरान की। सर्वोच्च अदालत ने इसे अंजाम देने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस ने खुद इस घटना को माफ कर दिया था।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि इस तरह का व्यवहार सीधे तौर पर अदालत की अवमानना है, लेकिन कार्रवाई करना या न करना पीठासीन न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर करता है। पीठ ने आगे कहा कि अवमानना नोटिस जारी करने से वकील को बिना वजह के महत्व मिलेगा और घटना की अवधि भी बढ़ेगी। पीठ ने आगे कहा कि मामले को अपनी स्वाभाविक मौत मरने दिया जाना चाहिए।

कोर्ट रूम नंबर-1 में घटी थी घटनादरअसल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ आवमानना की कार्यवाही करने की मांग की गई थी। यह घटना 6 अक्टूबर को कोर्ट रूम नंबर 1 में घटी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अवमानना के आरोपों पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह भविष्य में इसी तरह के व्यवधानों से बचने के लिए निवारक दिशा-निर्देश तैयार करने पर विचार करेगी।

समाज के लिए बन गया है मजाकसीनियर वकील और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने अदालत से कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किशोर (वकील) के कृत्य से संस्था की बदनामी हुई है। सोशल मीडिया पर वकील का महिमामंडन किया जा रहा है। यह समाज के लिए एक ऐसा मजाक बन गया है कि इसे यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता। इसके जवाब में जस्टिस कांत ने जवाब दिया कि चीफ जस्टिस ने इस कृत्य को माफ करने का फैसला किया है, इसलिए आगे की कार्रवाई इसे और बढ़ाएगी।
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