नई दिल्ली : दिल्ली में दिवाली की रात पटाखे चलाने का असर अभी भी बरकरार है। पटाखों की वजह से बुधवार सुबह भी आसमान में धुंध छाई है। सुबह-सुबह धुंध की वजह से दृश्यता कम है। वहीं, एयर क्ववालिटी अभी भी 'रेड जोन' में बरकरार है। राजधानी के कई इलाकों में आज भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के पार बना हुआ है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुबह 5 बडे के डेटा के अनुसार सबसे अधिक प्रदूषण वजीरपुर इलाके में और सबसे कम आईजीआई एयरपोर्ट एरिया में दर्ज किया गया।
एनसीआर में गुरुग्राम सबसे अधिक प्रदूषित
नोएडा में सुबह 5 बजे एक्यूआई 295 दर्ज किया गया। वहीं, फरीदाबाद में एक्यूआई 258 रहा। गुरुग्राम में भी हवा का स्तर बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज हुआ। गुरुग्राम में बुधवार की सुबह एक्यूआई 394 दर्ज हुआ। इससे पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को उत्तरी भारत भर में हवा की गुणवत्ता में तेजी से बिगड़ने की चिंताजनक खबर दी थी। आंकड़े दर्शाते हैं कि इन सभी क्षेत्रों में कणीय पदार्थ पीएम2.5 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है, जिससे वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। कुल 38 निगरानी केंद्रों में से 35 'रेड जोन' में थे, जो 'बेहद खराब' से 'गंभीर' वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।
सुबह 5 बजे कहां-कितना AQI
वजीरपुर- 405 रोहिणी-383 आरके पुरम-377 आनंद विहार-364 अशोक विहार-387 आईटीओ-360 जेएलएन स्टेडियम-347 इंडिया गेट-332 पूसा-351 आईजीआई एयरपोर्ट-270
आगे कैसा रहेगा हाल?
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक, अनुसंधान और वकालत, अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने के कारण इस मौसम का पहला स्मॉग एपिसोड देखा गया। "सर्दियों की शुरुआत में, जब मौसम अभी भी काफी गर्म है, प्रदूषण का स्तर बहुत खराब से गंभीर स्तर तक पहुंच गया है। अक्टूबर की शुरुआत से कणों का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
हालांकि, 20 अक्टूबर को, दोपहर और रात के बीच स्तर लगभग आठ गुना बढ़ गया, जिससे बहुत अधिक जोखिम हुआ। यह तब भी हुआ जब खेत की आग का योगदान 1-2% से भी कम था। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में स्रोतों से उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बहुत मजबूत प्रणालीगत कार्रवाई की आवश्यकता होगी, न कि केवल अस्थायी आपातकालीन उपायों की, जिनका अल्पकालिक प्रभाव पड़ता है।
एनसीआर में गुरुग्राम सबसे अधिक प्रदूषित
नोएडा में सुबह 5 बजे एक्यूआई 295 दर्ज किया गया। वहीं, फरीदाबाद में एक्यूआई 258 रहा। गुरुग्राम में भी हवा का स्तर बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज हुआ। गुरुग्राम में बुधवार की सुबह एक्यूआई 394 दर्ज हुआ। इससे पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को उत्तरी भारत भर में हवा की गुणवत्ता में तेजी से बिगड़ने की चिंताजनक खबर दी थी। आंकड़े दर्शाते हैं कि इन सभी क्षेत्रों में कणीय पदार्थ पीएम2.5 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है, जिससे वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। कुल 38 निगरानी केंद्रों में से 35 'रेड जोन' में थे, जो 'बेहद खराब' से 'गंभीर' वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।
सुबह 5 बजे कहां-कितना AQI
आगे कैसा रहेगा हाल?
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक, अनुसंधान और वकालत, अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने के कारण इस मौसम का पहला स्मॉग एपिसोड देखा गया। "सर्दियों की शुरुआत में, जब मौसम अभी भी काफी गर्म है, प्रदूषण का स्तर बहुत खराब से गंभीर स्तर तक पहुंच गया है। अक्टूबर की शुरुआत से कणों का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
हालांकि, 20 अक्टूबर को, दोपहर और रात के बीच स्तर लगभग आठ गुना बढ़ गया, जिससे बहुत अधिक जोखिम हुआ। यह तब भी हुआ जब खेत की आग का योगदान 1-2% से भी कम था। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में स्रोतों से उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बहुत मजबूत प्रणालीगत कार्रवाई की आवश्यकता होगी, न कि केवल अस्थायी आपातकालीन उपायों की, जिनका अल्पकालिक प्रभाव पड़ता है।
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