रांचीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड में 2024 में सुरक्षाबलों पर हुए नक्सली हमले के एक प्रमुख आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने जून 2024 में मामले को अपने हाथ में लिया था। मामले में जांच अभी भी जारी है।
इस मामले में बिहार के जमुई जिले का रहने वाला अभिजीत कोड़ा उर्फ सुनील कोड़ा मुख्य आरोपी है। जांच एजेंसी ने अभिजीत कोड़ा के खिलाफ रांची की विशेष एनआईए कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की है। अभिजीत कोड़ा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1908 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
माओवादी नेताओं के लिए कूरियर और मैसेंजर
अभिजीत कोड़ा सीपीआई (माओवादी) का सशस्त्र कैडर है। एनआईए की जांच में सामने आया कि वह संगठन के अन्य लीडर और कैडर के साथ मिलकर नक्सली गतिविधियों का हिस्सा था। इसके साथ ही, वह वरिष्ठ माओवादी नेताओं के लिए कूरियर और मैसेंजर के रूप में काम कर रहा था। वह संगठन का विस्तार करने व गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के उनके प्रयासों का भी समर्थन करता था।
कई नक्सली भागने में सफल
यह मामला पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ, जब झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ को बोकारो जिले के सुंदरी पहाड़ी जंगल क्षेत्र में 15-20 नक्सली कैडरों के डेरा डालने की सूचना मिली थी। जानकारी के अनुसार, ये कैडर अपराध करने, युवाओं की भर्ती करने, उगाही करने और सुरक्षाबलों पर हमला करने की योजना बना रहे थे।
जंगल में तलाशी और कांबिंग ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की थी, जिसका जवानों ने जवाबी कार्रवाई में सामना किया। घने जंगल का फायदा उठाकर नक्सली भागने में सफल रहे। हालांकि, सुरक्षाबलों ने मौके से वायरलेस हैंडसेट, एफएम रिसीवर रेडियो, फोन नंबरों की सूची जैसे सामानों के अलावा जिंदा कारतूस और बारूद जैसी विस्फोटक सामग्री बरामद की।
इनपुट-आईएएनएस
इस मामले में बिहार के जमुई जिले का रहने वाला अभिजीत कोड़ा उर्फ सुनील कोड़ा मुख्य आरोपी है। जांच एजेंसी ने अभिजीत कोड़ा के खिलाफ रांची की विशेष एनआईए कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की है। अभिजीत कोड़ा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1908 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
माओवादी नेताओं के लिए कूरियर और मैसेंजर
अभिजीत कोड़ा सीपीआई (माओवादी) का सशस्त्र कैडर है। एनआईए की जांच में सामने आया कि वह संगठन के अन्य लीडर और कैडर के साथ मिलकर नक्सली गतिविधियों का हिस्सा था। इसके साथ ही, वह वरिष्ठ माओवादी नेताओं के लिए कूरियर और मैसेंजर के रूप में काम कर रहा था। वह संगठन का विस्तार करने व गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के उनके प्रयासों का भी समर्थन करता था।
कई नक्सली भागने में सफल
यह मामला पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ, जब झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ को बोकारो जिले के सुंदरी पहाड़ी जंगल क्षेत्र में 15-20 नक्सली कैडरों के डेरा डालने की सूचना मिली थी। जानकारी के अनुसार, ये कैडर अपराध करने, युवाओं की भर्ती करने, उगाही करने और सुरक्षाबलों पर हमला करने की योजना बना रहे थे।
जंगल में तलाशी और कांबिंग ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की थी, जिसका जवानों ने जवाबी कार्रवाई में सामना किया। घने जंगल का फायदा उठाकर नक्सली भागने में सफल रहे। हालांकि, सुरक्षाबलों ने मौके से वायरलेस हैंडसेट, एफएम रिसीवर रेडियो, फोन नंबरों की सूची जैसे सामानों के अलावा जिंदा कारतूस और बारूद जैसी विस्फोटक सामग्री बरामद की।
इनपुट-आईएएनएस
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