अशोक कुमार, फतेहाबाद: पंजाब के मानसा जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पर एक दंपती ने अपने नशे की लत को पूरा करने के लिए अपने 6 माह के बच्चे को 1.80 लाख रुपये में बेच दिया। दंपती पहले फतेहाबाद के रतिया शहर में रहता था और यहां पर भी बच्चे की बोली 5 लाख में लगाई गई थी। मामला सामने आने के बाद मानसा पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने दंपती और बच्चा खरीदने वाले व्यक्ति को काबू कर लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मानसा निवासी गुरमन कौर 10वीं तक पढ़ी है और वह स्टेट लेवल पर रेसलिंग चैंपियन भी रह चुकी है। इसी दौरान उसकी मुलाकात मानसा के संदीप से हो गई और 2024 में संदीप उसे घर से भगाकर ले गया। उस समय गुरमन कौर नाबालिग थी और 2 माह बाद बालिग होने के बाद दोनों ने प्रेम विवाह रचा लिया। इसके बाद वह फतेहाबाद के रतिया में रहने लगे।
पति ने लगाई नशे की लत
गुरमन कौर की बहन रितु ने बताया कि संदीप पहले से ही चिट्टे का आदी था। उसने उसकी बहन को मकान और कार दिखाकर अपने जाल में फंसा लिया। बाद में उसे नशे के दलदल में धकेल दिया। रतिया में रहते हुए जब उसकी बहन प्रेग्रेंट हुई तो उसे वह अपने घर ले आए थे और उसका इलाज करवाकर उसे नशे से दूर भी करवा दिया था। बच्चा होने के बाद वह वापिस अपने पति के पास चली गई और यहां पर फिर से नशा करने लगी। नशे को लेकर उन्होंने घर का सामान तक बेच दिया। बाद में बच्चे को बेचने की कोशिश की गई। रतिया में 5 लाख रुपये में बच्चा बेचने की पेशकश हुई, लेकिन गुरमन ने बच्चा नहीं बेचा। इसके बाद वह मानसा जिले के अकबरपुर कुदाल गांव में रहने लगे।
जो नशा बेचता था, उसी को बेचा बच्चा
रितू के अनुसार, बुढ़लाडा का संजू उसके जीजा संदीप को नशा बेचता था। उसी ने बच्चे को लेने की पेशकश की। पहले तो ये बच्चा देने को तैयार नहीं थे, लेकिन जब नशे के लिए पैसे नहीं बचे तो उन्होंने बच्चा बेच दिया। 6 माह के बच्चे को संजू और उसकी पत्नी आरती को 1.80 लाख रुपये में बेचा गया। रितू ने बताया कि जब उसे इस बात का पता चला तो उसने बाल कल्याण समिति से सपंर्क किया। इसके बाद पुलिस ने बच्चा बेचने और खरीदने के आरोप में दोनों दंपतियों पर केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी दंपती और खरीदने वाले संजू को काबू भी कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मानसा निवासी गुरमन कौर 10वीं तक पढ़ी है और वह स्टेट लेवल पर रेसलिंग चैंपियन भी रह चुकी है। इसी दौरान उसकी मुलाकात मानसा के संदीप से हो गई और 2024 में संदीप उसे घर से भगाकर ले गया। उस समय गुरमन कौर नाबालिग थी और 2 माह बाद बालिग होने के बाद दोनों ने प्रेम विवाह रचा लिया। इसके बाद वह फतेहाबाद के रतिया में रहने लगे।
पति ने लगाई नशे की लत
गुरमन कौर की बहन रितु ने बताया कि संदीप पहले से ही चिट्टे का आदी था। उसने उसकी बहन को मकान और कार दिखाकर अपने जाल में फंसा लिया। बाद में उसे नशे के दलदल में धकेल दिया। रतिया में रहते हुए जब उसकी बहन प्रेग्रेंट हुई तो उसे वह अपने घर ले आए थे और उसका इलाज करवाकर उसे नशे से दूर भी करवा दिया था। बच्चा होने के बाद वह वापिस अपने पति के पास चली गई और यहां पर फिर से नशा करने लगी। नशे को लेकर उन्होंने घर का सामान तक बेच दिया। बाद में बच्चे को बेचने की कोशिश की गई। रतिया में 5 लाख रुपये में बच्चा बेचने की पेशकश हुई, लेकिन गुरमन ने बच्चा नहीं बेचा। इसके बाद वह मानसा जिले के अकबरपुर कुदाल गांव में रहने लगे।
जो नशा बेचता था, उसी को बेचा बच्चा
रितू के अनुसार, बुढ़लाडा का संजू उसके जीजा संदीप को नशा बेचता था। उसी ने बच्चे को लेने की पेशकश की। पहले तो ये बच्चा देने को तैयार नहीं थे, लेकिन जब नशे के लिए पैसे नहीं बचे तो उन्होंने बच्चा बेच दिया। 6 माह के बच्चे को संजू और उसकी पत्नी आरती को 1.80 लाख रुपये में बेचा गया। रितू ने बताया कि जब उसे इस बात का पता चला तो उसने बाल कल्याण समिति से सपंर्क किया। इसके बाद पुलिस ने बच्चा बेचने और खरीदने के आरोप में दोनों दंपतियों पर केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी दंपती और खरीदने वाले संजू को काबू भी कर लिया है।
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