देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी पर महिला पत्रकार के साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले में जिस अधिकारी पर आरोप लगा है, वे प्रारंभिक शिक्षा निदेशक पद पर कार्यरत हैं। उत्तराखंड के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल ने महिला पत्रकार पर हाथ उठा दिया। उन्होंने कवरेज के दौरान महिला पत्रकार से बदसलूकी की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया है। अब इस मुद्दे ने न केवल पत्रकार समुदाय को आंदोलित कर दिया है। वहीं, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और मुख्यमंत्री कार्यालय तक इसकी गूंज पहुंच चुकी है।
वायरल वीडियो से विवादबताया जा रहा है कि डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीते कुछ दिनों से प्राथमिक शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन चल रहा था। बुधवार को इस प्रदर्शन की कवरेज के लिए कई पत्रकार मौके पर पहुंचे थे। इनमें महिला संपादक एवं पत्रकार सीमा रावत भी शामिल थीं। इसी दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल ने पत्रकारों से बहस शुरू कर दी। वायरल वीडियो में उन्हें महिला पत्रकार का फोन छीनने और धक्का देने का प्रयास करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई है। कई यूजर्स ने लिखा कि सरकारी तनख्वाह खाकर अहंकार में डूबे ये अधिकारी अब पत्रकारों पर हाथ उठाने लगे हैं, वो भी महिला पत्रकार पर! यह पोस्ट हजारों बार साझा की जा चुकी है और सोशल मीडिया एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #ActionAgainstNodiaal ट्रेंड करने लगा है।
पत्रकार संगठनों ने किया विरोधराज्यभर के पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की है। देहरादून प्रेस क्लब, उत्तराखंड पत्रकार यूनियन और नेशनल मीडिया फेडरेशन ने संयुक्त बयान जारी कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस तरह का हमला अस्वीकार्य है। महिला पत्रकारों की गरिमा और सुरक्षा पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
मंत्री ने मांगी मामले में रिपोर्टविवाद बढ़ने के बाद अब यह मामला शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के संज्ञान में पहुंच चुका है। मंत्री के कार्यालय से सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट तलब की है और पूरे प्रकरण पर विस्तृत जानकारी मांगी है। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी घटना की जानकारी भेजी गई है। सीएम सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द निर्णय लिया जाएगा।
हालांकि, अब तक शिक्षा विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। निदेशालय के अधिकारियों ने घटना पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। इस बीच विभागीय कर्मचारियों के बीच भी चर्चा है कि वीडियो ने विभाग की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है।
वायरल वीडियो से विवादबताया जा रहा है कि डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीते कुछ दिनों से प्राथमिक शिक्षा निदेशालय परिसर में प्रदर्शन चल रहा था। बुधवार को इस प्रदर्शन की कवरेज के लिए कई पत्रकार मौके पर पहुंचे थे। इनमें महिला संपादक एवं पत्रकार सीमा रावत भी शामिल थीं। इसी दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल ने पत्रकारों से बहस शुरू कर दी। वायरल वीडियो में उन्हें महिला पत्रकार का फोन छीनने और धक्का देने का प्रयास करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई है। कई यूजर्स ने लिखा कि सरकारी तनख्वाह खाकर अहंकार में डूबे ये अधिकारी अब पत्रकारों पर हाथ उठाने लगे हैं, वो भी महिला पत्रकार पर! यह पोस्ट हजारों बार साझा की जा चुकी है और सोशल मीडिया एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #ActionAgainstNodiaal ट्रेंड करने लगा है।
पत्रकार संगठनों ने किया विरोधराज्यभर के पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की है। देहरादून प्रेस क्लब, उत्तराखंड पत्रकार यूनियन और नेशनल मीडिया फेडरेशन ने संयुक्त बयान जारी कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस तरह का हमला अस्वीकार्य है। महिला पत्रकारों की गरिमा और सुरक्षा पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
मंत्री ने मांगी मामले में रिपोर्टविवाद बढ़ने के बाद अब यह मामला शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के संज्ञान में पहुंच चुका है। मंत्री के कार्यालय से सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट तलब की है और पूरे प्रकरण पर विस्तृत जानकारी मांगी है। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी घटना की जानकारी भेजी गई है। सीएम सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द निर्णय लिया जाएगा।
हालांकि, अब तक शिक्षा विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। निदेशालय के अधिकारियों ने घटना पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। इस बीच विभागीय कर्मचारियों के बीच भी चर्चा है कि वीडियो ने विभाग की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है।
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