मनीष सिंह, नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही नया नियम लागू होने जा रहा है। इसको लेकर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने कड़े कदम उठाते हुए बड़े फैसले लिए हैं। एनसीआर के 19 जिलों में पुराने वाहनों को 1 अप्रैल, 2026 से पेट्रोल-डीजल नहीं मिल पाएगा। इस अवधि तक उम्र पूरी करने वाले वाहनों का परिचालन रोकने के लिए सीएक्यूएम ने कमर कस ली है। सभी जगह पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पांच जनपदों में यह प्रतिबंध इसी वर्ष से लागू हो जाएगा। यह आदेश केवल दिल्ली तक सीमित नहीं होगा। इसके अलावा गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा-ग्रेटर नोएडा), गुरुग्राम और सोनीपत जैसे एनसीआर के अहम शहरों में यह नियम 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाएगा। जबकि बाकी एनसीआर के शहरों फरीदाबाद, पानीपत, करनाल, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, रेवाड़ी, पलवल, रोहतक, झज्जर, महेन्द्रगढ़, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, अलीगढ़, अलवर में 1 अप्रैल 2026 से यह आदेश प्रभाव में आएगा। लिखित आदेश जारी हो चुकेसीएक्यूएम की ओर से एनसीआर में शामिल सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को इस आशय के लिखित आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। सीएक्यूएम के निर्देशों के तहत दिल्ली-एनसीआर के पेट्रोल पंपों पर जहां एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगे हैं, वो वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करके उनकी उम्र और पॉल्यूशन नॉर्म्स की जानकारी जुटाएंगे। इस कैमरा सिस्टम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रतिबंधित वाहन फ्यूल न भरवा सकें। गैर बीएस-6 कमर्शियल वाहनों को राहतइसके साथ ही 1 नवंबर 2025 से दिल्ली में बीएस-6 मानक से नीचे के पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले गैर जरूरी कमर्शियल वाहनों, जिनका पंजीकरण दिल्ली के बाहर हुआ है, उनकी दिल्ली में एंट्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। यह कदम दिल्ली की हवा को स्वच्छ रखने के लिए उठाया गया है। हालांकि, ऐसे गैर बीएस-6 कमर्शियल वाहन जो खाद्य सामग्री, दवाइयां या अन्य जरूरी सेवाएं लेकर दिल्ली में आते हैं, उन्हें थोड़ी राहत दी गई है। लेकिन इस श्रेणी के वाहनों पर भी 31 अक्टूबर 2026 से दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा असरमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकेले दिल्ली में इस वक्त 61 लाख से अधिक 15 साल से पुरानी पेट्रोल की गाड़ियां और 10 साल से पुरानी डीजल की गाड़ियां है। वहीं, उत्तर प्रदेश में आने वाले एनसीआर के शहरों में 12 लाख से अधिक 15 साल से पुरानी पेट्रोल की गाड़ियां और 10 साल से पुरानी डीजल की गाड़ियां है। इसी तरह हरियाणा के एनसीआर शहरों में ये संख्या 27 लाख के पार है और राजस्थान के एनसीआर में आने वाले शहरों में यह संख्या 6 लाख 20 हजार से अधिक है। अब ऐसे में सीएक्यूएम का यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को कम करने की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा और सख्त कदम माना जा रहा है। इसका असर दिल्ली के लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा और फ्यूल स्टेशन पर निगरानी की तकनीक में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, आम वाहनों की तुलना में समयावधि पूरा कर चुके वाहनों से और अधिक प्रदूषण होता है। इसीलिए उम्र पूरी कर चुके वाहनों के संचालन पर रोकथाम जरूरी है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एनसीआर में डीजल वाहनों के लिए उम्र पूरी के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की समयावधि निर्धारित की गई है। ऐसे वाहनों पर रोक सुनिश्चित करने के लिए सीएक्यूएम ने दिल्ली के लिए इन्हें ईंधन न देने की तिथि एक जुलाई और गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद के लिए एक नवंबर तय की है। इन तारीखों से पहले इन शहरों के पेट्रोल पंपों पर आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। एएनपीआर कैमरे लगवाने की अवधि 31 मार्च, 2026 तकसीएक्यूएम के मुताबिक, एनसीआर में शामिल इन पांच जिलों के अतिरिक्त अन्य हरियाणा के 11, उत्तर प्रदेश के छह और राजस्थान के दो जिलों में भी यही व्यवस्था लागू होनी है, लेकिन इन जिलों के पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाने की समयावधि 31 मार्च, 2026 रखी गई है। यानी वहां पर एक अप्रैल 2026 से पुराने वाहनों को ईंधन मिलना बंद किया जाएगा।
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