मुंबई: महाराष्ट्र सरकार की ' मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना ' के तहत बड़ा फ्रॉड सामने आया है। योजना में पुरुषों के भी गलत तरीके से लाभ लेने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दो नहीं बल्कि 12431 पुरुषों ने गलत तरीके से लाडकी बहिन योजना का लाभ लिया था। इस योजना के तहत 21 से 65 साल की आयु की महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। यह योजना विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जून 2024 में शुरू की गई थी।
योजना के लाभार्थियों में 12431 पुरुष
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की ओर से शुरू की गई महत्वाकांक्षी लाडकी बहिन योजना में बड़ी संख्या में अनियमितताएं पाई गई हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त आवेदनों के जवाबों से सामने आई है। यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जाती है। इस योजना के लाभार्थियों में 12431 पुरुष भी शामिल थे। सत्यापन के बाद उन्हें अपात्र घोषित कर सूची से हटा दिया गया। इन पुरुषों को 13 महीनों के लिए गलत तरीके से 1500 रुपये प्रति माह का लाभ दिया गया, जो कुल मिलाकर 24.24 करोड़ रुपये है।
77980 महिलाएं भी अपात्र घोषित
इन पुरुषों के अलावा 77980 महिलाओं को भी अपात्र घोषित किया गया है। इन महिलाओं को 12 महीनों के लिए कुल 140.28 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया। ये सभी अपात्र लाभार्थी योजना के मानदंडों के अनुसार लाभ के पात्र नहीं थे। योजना के पात्रता मानदंडों का जिक्र 28 जून, 3 जुलाई और 12 जुलाई, 2024 के सरकारी प्रस्तावों में किया गया है। इन मानदंडों के अनुसार अपात्र घोषित की गई महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई अभी राज्य स्तर पर तय नहीं की गई है।
कितने सरकारी कर्मचारियों ने लिया पैसा?
यह भी पता चला है कि 2400 से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने भी इस योजना के तहत गलत तरीके से लाभ उठाया है। इनमें पुरुष भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। मुख्य त्रुटियां गलत आँकड़े प्रस्तुत करना और आय और संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देना थीं।
किन अपात्र लाभार्थियों को पैसे मिले
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लाभार्थी एक ही समय में कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। कई परिवारों में दो से ज्यादा महिला सदस्य लाभ उठा रही थीं। हजारों सरकारी कर्मचारी अपात्र होने के बावजूद लाभ प्राप्त करते पाए गए। कुछ की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक थी।
लाडकी बहिन योजना में कितने लाभार्थी?
दरअसल 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' एक ऐसी योजना है जिससे लगभग 2.41 करोड़ महिलाएं लाभान्वित होती हैं। इस योजना पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। चूंकि यह योजना चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई थी, इसलिए इसमें अनियमितताओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लाभार्थियों को गलत तरीके से दी गई राशि की वसूली की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। मामले की गहन जांच जरूरी है। हालांकि इस योजना का मूल मकसद जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लेकिन प्रशासनिक खामियों ने इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
योजना के लाभार्थियों में 12431 पुरुष
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की ओर से शुरू की गई महत्वाकांक्षी लाडकी बहिन योजना में बड़ी संख्या में अनियमितताएं पाई गई हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त आवेदनों के जवाबों से सामने आई है। यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जाती है। इस योजना के लाभार्थियों में 12431 पुरुष भी शामिल थे। सत्यापन के बाद उन्हें अपात्र घोषित कर सूची से हटा दिया गया। इन पुरुषों को 13 महीनों के लिए गलत तरीके से 1500 रुपये प्रति माह का लाभ दिया गया, जो कुल मिलाकर 24.24 करोड़ रुपये है।
77980 महिलाएं भी अपात्र घोषित
इन पुरुषों के अलावा 77980 महिलाओं को भी अपात्र घोषित किया गया है। इन महिलाओं को 12 महीनों के लिए कुल 140.28 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया। ये सभी अपात्र लाभार्थी योजना के मानदंडों के अनुसार लाभ के पात्र नहीं थे। योजना के पात्रता मानदंडों का जिक्र 28 जून, 3 जुलाई और 12 जुलाई, 2024 के सरकारी प्रस्तावों में किया गया है। इन मानदंडों के अनुसार अपात्र घोषित की गई महिलाओं के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई अभी राज्य स्तर पर तय नहीं की गई है।
कितने सरकारी कर्मचारियों ने लिया पैसा?
यह भी पता चला है कि 2400 से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने भी इस योजना के तहत गलत तरीके से लाभ उठाया है। इनमें पुरुष भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। मुख्य त्रुटियां गलत आँकड़े प्रस्तुत करना और आय और संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देना थीं।
किन अपात्र लाभार्थियों को पैसे मिले
एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लाभार्थी एक ही समय में कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। कई परिवारों में दो से ज्यादा महिला सदस्य लाभ उठा रही थीं। हजारों सरकारी कर्मचारी अपात्र होने के बावजूद लाभ प्राप्त करते पाए गए। कुछ की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक थी।
लाडकी बहिन योजना में कितने लाभार्थी?
दरअसल 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' एक ऐसी योजना है जिससे लगभग 2.41 करोड़ महिलाएं लाभान्वित होती हैं। इस योजना पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। चूंकि यह योजना चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई थी, इसलिए इसमें अनियमितताओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। लाभार्थियों को गलत तरीके से दी गई राशि की वसूली की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। मामले की गहन जांच जरूरी है। हालांकि इस योजना का मूल मकसद जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लेकिन प्रशासनिक खामियों ने इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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