बेगूसराय: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश कुमार सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने इसी साल दिल्ली विधानसभा चुनाव और अब बिहार चुनाव दोनों में मतदान किया है। राकेश सिन्हा ने आज (6 नवंबर 2025) बेगूसराय के अपने पैतृक गांव मनसेरपुर (साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र) में वोट डालने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उनके इस पोस्ट के सामने आते ही विपक्षी दलों– राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने इसे 'वोट चोरी' का एक और उदाहरण बताते हुए चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमला बोल दिया है। इस पूरे मामले पर राकेश सिन्हा की ओर से सफाई आई है।
एक ही साल में डबल वोटिंग से बखेड़ापूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने अपने पैतृक गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) में मतदान करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, लेकिन कुछ ही देर में यूजर्स उनके पुराने पोस्ट लेकर सामने आ गए। इन पुराने पोस्ट्स में वो इसी साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान द्वारका सीट पर मतदान करते दिखे थे। कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने सीधे सवाल किया कि ये कौन-सी योजना के तहत हो रहा है? दिल्ली 'आप' के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने भी टिप्पणी की कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक होने के बावजूद, राकेश सिन्हा खुल्लम-खुल्ला नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने ये भी कहा कि राकेश सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ाते हैं, इसलिए उनका प्राथमिक पता दिल्ली का होना चाहिए।
आरजेडी-कांग्रेस का चुनाव आयोग पर हमलाविपक्षी महागठबंधन ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया, क्योंकि वे पहले से ही फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगा रहे थे। आरजेडी और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये फर्जी तरीके से वोट चोरी करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि जब भाजपा के नेता ही खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो आम लोगों के वोट सुरक्षित नहीं हैं। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे राज्य में चुनावी गहमागहमी है और पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है।
10 महीने में डबल वोटिंग पर सफाईअपनी सफाई में राकेश सिन्हा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'मेरा पुश्तैनी घर बेगूसराय में है । जमीन से उखड़ा आदमी मैं नहीं हूं। वोट देने के लिए पैसे खर्च कर, छुट्टी लेकर अपने गांव आया। संविधान के मूल्यों की बात कौन कर रहा है? आम आदमी पार्टी तो लोकतंत्र पर कलंक है। कलंकित लोग RSS को नैतिकता नहीं सिखाए! राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा मुझे नहीं था। संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल करने वाले पर सवाल करने वालों को सौ बार सोच लेना चाहिए। मेरा नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था। बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) करा लिया। क्या इस आरोप के लिए मैं मानहानि करूं?'
क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व कानून?जनप्रतिनिधित्व कानून 1951, मतदाता सूची के संबंध में स्पष्ट नियम बताता है। इस कानून के अनुच्छेद-17 में साफ तौर पर यह प्रावधान है कि कोई भी नागरिक एक साथ दो राज्यों की मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं रह सकता और न ही वह दो अलग-अलग राज्यों में मतदान कर सकता है। ऐसे में, अगर राकेश कुमार सिन्हा का नाम जानबूझकर दोनों जगह की सूची में है, तो ये कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
चुनाव आयोग के पास कार्रवाई का अधिकारकानून के अनुसार, चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वो डुप्लीकेट एंट्री को हटाए। साथ ही, जानबूझकर दोहरी मतदाता सूची में रहने वाले या दो जगह मतदान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है। चुनाव आयोग 'डुप्लीकेट एंट्री' के तहत ऐसे मतदाताओं पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
एक ही साल में डबल वोटिंग से बखेड़ापूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने अपने पैतृक गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) में मतदान करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, लेकिन कुछ ही देर में यूजर्स उनके पुराने पोस्ट लेकर सामने आ गए। इन पुराने पोस्ट्स में वो इसी साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान द्वारका सीट पर मतदान करते दिखे थे। कांग्रेस सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने सीधे सवाल किया कि ये कौन-सी योजना के तहत हो रहा है? दिल्ली 'आप' के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने भी टिप्पणी की कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक होने के बावजूद, राकेश सिन्हा खुल्लम-खुल्ला नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने ये भी कहा कि राकेश सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ाते हैं, इसलिए उनका प्राथमिक पता दिल्ली का होना चाहिए।
BJP नेता राकेश सिन्हा
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 6, 2025
• फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट दिया
• नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव में वोट डाला
यह कौन सी योजना के तहत हो रहा है भाई?! pic.twitter.com/pPdvepq1Jt
आरजेडी-कांग्रेस का चुनाव आयोग पर हमलाविपक्षी महागठबंधन ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया, क्योंकि वे पहले से ही फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगा रहे थे। आरजेडी और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये फर्जी तरीके से वोट चोरी करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि जब भाजपा के नेता ही खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो आम लोगों के वोट सुरक्षित नहीं हैं। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे राज्य में चुनावी गहमागहमी है और पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है।
10 महीने में डबल वोटिंग पर सफाईअपनी सफाई में राकेश सिन्हा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'मेरा पुश्तैनी घर बेगूसराय में है । जमीन से उखड़ा आदमी मैं नहीं हूं। वोट देने के लिए पैसे खर्च कर, छुट्टी लेकर अपने गांव आया। संविधान के मूल्यों की बात कौन कर रहा है? आम आदमी पार्टी तो लोकतंत्र पर कलंक है। कलंकित लोग RSS को नैतिकता नहीं सिखाए! राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा मुझे नहीं था। संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल करने वाले पर सवाल करने वालों को सौ बार सोच लेना चाहिए। मेरा नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था। बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गांव मनसेरपुर (बेगूसराय) करा लिया। क्या इस आरोप के लिए मैं मानहानि करूं?'
क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व कानून?जनप्रतिनिधित्व कानून 1951, मतदाता सूची के संबंध में स्पष्ट नियम बताता है। इस कानून के अनुच्छेद-17 में साफ तौर पर यह प्रावधान है कि कोई भी नागरिक एक साथ दो राज्यों की मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं रह सकता और न ही वह दो अलग-अलग राज्यों में मतदान कर सकता है। ऐसे में, अगर राकेश कुमार सिन्हा का नाम जानबूझकर दोनों जगह की सूची में है, तो ये कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
चुनाव आयोग के पास कार्रवाई का अधिकारकानून के अनुसार, चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वो डुप्लीकेट एंट्री को हटाए। साथ ही, जानबूझकर दोहरी मतदाता सूची में रहने वाले या दो जगह मतदान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है। चुनाव आयोग 'डुप्लीकेट एंट्री' के तहत ऐसे मतदाताओं पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
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