पटना/दिल्ली: एनआईए ने पीएफआई की बिहार इकाई के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2022 में पटना के फुलवारीशरीफ आपराधिक साजिश मामले में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की बिहार इकाई के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया।
एनआईए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बिहार के कटिहार जिले के हसनगंज इलाके के निवासी 39 वर्षीय महबूब आलम उर्फ महबूब आलम नदवी को किशनगंज से गिरफ्तार किया गया। वो दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया का पूर्व छात्र है।
PFI का बिहार यूनिट चीफ पकड़ा गयाएजेंसी के अनुसार, महबूब आलम इस मामले में गिरफ्तार 19वां आरोपी है, जिसमें स्थानीय पुलिस ने शुरुआत में 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एनआईए ने कहा कि यह मामला विभिन्न धर्मों और समूहों के सदस्यों के बीच धार्मिक विद्वेष फैलाकर आतंक का माहौल बनाने के उद्देश्य से गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई के सहयोगियों से संबंधित है। बताया जा रहा है कि महबूब आलम नदवी ओमान से लौटने के बाद किशनगंज में एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था।
फुलवारीशरीफ मॉड्यूल में अब तक 19 गिरफ्तारएनआईए ने कहा कि पीएफआई के सदस्य अपनी विचारधारा को बढ़ावा देकर आम जनता में भय फैलाने में संलिप्त थे और भारत में इस्लाम का शासन स्थापित करना चाहते थे, जैसा कि संगठन के जब्त किए गए विजन दस्तावेज ‘भारत 2047: भारत में इस्लाम के शासन की ओर, आंतरिक दस्तावेज: प्रसार के लिए नहीं’ में कहा गया है।
जुलाई 2022 में एनआईए ने किया था खुलासाएनआईए ने कहा कि आलम को पीएफआई की साजिश का हिस्सा पाया गया, जैसा कि उक्त दस्तावेज में कहा गया है। यह दस्तावेज 11 जुलाई 2022 को पटना के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस से जब्त किया गया था।
एनआईए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बिहार के कटिहार जिले के हसनगंज इलाके के निवासी 39 वर्षीय महबूब आलम उर्फ महबूब आलम नदवी को किशनगंज से गिरफ्तार किया गया। वो दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया का पूर्व छात्र है।
PFI का बिहार यूनिट चीफ पकड़ा गयाएजेंसी के अनुसार, महबूब आलम इस मामले में गिरफ्तार 19वां आरोपी है, जिसमें स्थानीय पुलिस ने शुरुआत में 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एनआईए ने कहा कि यह मामला विभिन्न धर्मों और समूहों के सदस्यों के बीच धार्मिक विद्वेष फैलाकर आतंक का माहौल बनाने के उद्देश्य से गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई के सहयोगियों से संबंधित है। बताया जा रहा है कि महबूब आलम नदवी ओमान से लौटने के बाद किशनगंज में एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था।
फुलवारीशरीफ मॉड्यूल में अब तक 19 गिरफ्तारएनआईए ने कहा कि पीएफआई के सदस्य अपनी विचारधारा को बढ़ावा देकर आम जनता में भय फैलाने में संलिप्त थे और भारत में इस्लाम का शासन स्थापित करना चाहते थे, जैसा कि संगठन के जब्त किए गए विजन दस्तावेज ‘भारत 2047: भारत में इस्लाम के शासन की ओर, आंतरिक दस्तावेज: प्रसार के लिए नहीं’ में कहा गया है।
जुलाई 2022 में एनआईए ने किया था खुलासाएनआईए ने कहा कि आलम को पीएफआई की साजिश का हिस्सा पाया गया, जैसा कि उक्त दस्तावेज में कहा गया है। यह दस्तावेज 11 जुलाई 2022 को पटना के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस से जब्त किया गया था।
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