देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए संभावित प्रत्याशियों को तय करने की दिशा में प्रथम चरण का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। यह सर्वे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय विधायकों के कामकाज और जनता की प्रतिक्रिया को आंका जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह सर्वे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण फिलहाल जारी है, जबकि दूसरे और तीसरे चरण के सर्वे परिणामों के आधार पर पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करेगी।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को सत्ताधारी पार्टी बड़े स्तर पर जमीन पर उतर रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के चुनाव में लगातार जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। अब पार्टी की कोशिश प्रदेश की सत्ता में हैट्रिक लगाने की है। इसके लिए सीएम धामी ग्रामीण प्रवास योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों में रुककर विकास योजनाओं की पड़ताल की तैयारी में हैं।
टिकट वितरण का अलग सिस्टमभाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी प्रत्याशी चयन में जनता की राय और जमीनी कामकाज को सबसे अधिक महत्व देती है। वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा में टिकट किसी पद या प्रभाव के आधार पर नहीं, बल्कि कार्य और जनभावना के आधार पर दिया जाता है। सर्वे से हमें यह समझने में आसानी होती है कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि देखना चाहती है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि सर्वे के दौरान जनता से यह फीडबैक भी लिया जा रहा है कि मौजूदा विधायक कितने सक्रिय हैं? उनके काम से जनता कितनी संतुष्ट है? क्या वे फिर से जीतने की स्थिति में हैं? इन फीडबैक के आधार पर टिकट का वितरण तय होगा।
कई एमएलए पर संकटपार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा 'नो रिपीट थ्योरी' पर भी काम कर सकती है। यानी कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। साथ ही, कुछ वरिष्ठ नेता अपनी वर्तमान सीट बदलने की इच्छा जता चुके हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे नेताओं को उनके सुरक्षित ठिकानों की तलाश है, जहां जीत की संभावना अधिक हो।
फरवरी-मार्च 2027 में चुनावराज्य में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2027 के बीच प्रस्तावित हैं। भाजपा इसे ध्यान में रखते हुए अभी से संगठन और जनसंपर्क को मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी अगले साल को चुनावी वर्ष के रूप में देख रही है। इसलिए सभी नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों लगातार दौरे कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
मिशन 2027 के तहत सीएम धामी ने जनता के बीच उपस्थिति बढ़ाई है। हाल ही में उन्होंने 16 और 17 अक्टूबर को चंपावत, टनकपुर और खटीमा का सड़क मार्ग से दौरा किया और स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सीएम धामी अब ग्राम रात्रि विश्राम की नई परंपरा शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत वे गांवों में रुककर सीधे जनता से संवाद करेंगे।
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टिकट वितरण का अलग सिस्टमभाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी प्रत्याशी चयन में जनता की राय और जमीनी कामकाज को सबसे अधिक महत्व देती है। वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा में टिकट किसी पद या प्रभाव के आधार पर नहीं, बल्कि कार्य और जनभावना के आधार पर दिया जाता है। सर्वे से हमें यह समझने में आसानी होती है कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि देखना चाहती है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि सर्वे के दौरान जनता से यह फीडबैक भी लिया जा रहा है कि मौजूदा विधायक कितने सक्रिय हैं? उनके काम से जनता कितनी संतुष्ट है? क्या वे फिर से जीतने की स्थिति में हैं? इन फीडबैक के आधार पर टिकट का वितरण तय होगा।
कई एमएलए पर संकटपार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा 'नो रिपीट थ्योरी' पर भी काम कर सकती है। यानी कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। साथ ही, कुछ वरिष्ठ नेता अपनी वर्तमान सीट बदलने की इच्छा जता चुके हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे नेताओं को उनके सुरक्षित ठिकानों की तलाश है, जहां जीत की संभावना अधिक हो।
फरवरी-मार्च 2027 में चुनावराज्य में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2027 के बीच प्रस्तावित हैं। भाजपा इसे ध्यान में रखते हुए अभी से संगठन और जनसंपर्क को मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी अगले साल को चुनावी वर्ष के रूप में देख रही है। इसलिए सभी नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों लगातार दौरे कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
मिशन 2027 के तहत सीएम धामी ने जनता के बीच उपस्थिति बढ़ाई है। हाल ही में उन्होंने 16 और 17 अक्टूबर को चंपावत, टनकपुर और खटीमा का सड़क मार्ग से दौरा किया और स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सीएम धामी अब ग्राम रात्रि विश्राम की नई परंपरा शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत वे गांवों में रुककर सीधे जनता से संवाद करेंगे।
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