तिरुवनंतपुरम : 26 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर आनंदू अजी की लाश तिरुवनंतपुरम के थम्पनूर स्थित एक होटेल के कमरे में मिली। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। पुलिस का दावा है कि केरल निवासी आनंदू कथित तौर पर बचपन में बार-बार हुए यौन शोषण के कारण गंभीर मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। उनका आरोप था कि यह शोषण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों ने किया। मरने से पहले आनंदू ने इंस्टाग्राम पर एक आखिरी पोस्ट में की। इस पोस्ट में उसने दुर्व्यवहार से उपजे वर्षों के अवसाद और आघात का वर्णन किया। वहीं इस घटना पर सियासत गरमाने लगी है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोपों की गहन जांच की मांग की है। प्रियंका गांधी ने एक पोस्ट में कहा कि आनंदू अजी ने अपने आत्महत्या संदेश में आरोप लगाया कि आरएसएस के कई सदस्यों ने उनके साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया। आरएसएस नेतृत्व को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
आनंदू ने क्या लिखाआनंदू ने लिखा, 'मैं किसी लड़की, प्रेम संबंध, कर्ज़ या ऐसी किसी भी वजह से आत्महत्या नहीं कर रहा हूं। मैं अपनी चिंता और अवसाद के कारण ऐसा कर रहा हूं। साथ ही, अपनी दवाओं की वजह से, मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूं।' आनंदू, जो बचपन में आरएसएस से जुड़े थे, ने आरोप लगाया कि उनकी मानसिक बीमारियों के लिए यह संगठन ज़िम्मेदार है, जो बचपन में उनके साथ हुए बार-बार यौन और शारीरिक शोषण के कारण हुई थी।
'मेरे साथ यौन शोषण हुआ'आनंदू न लिखा, 'मैं किसी से नाराज़ नहीं हूं सिवाय एक व्यक्ति और एक संगठन के। यह संगठन आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) है, जिससे मेरे पिता (जो एक बहुत अच्छे इंसान थे) ने मुझे जोड़ा था। यहीं मुझे संगठन और उस व्यक्ति से जीवन भर का सदमा मिला है। जब मैं बच्चा था, तब एक व्यक्ति ने मेरा लगातार यौन शोषण किया। आरएसएस के कई सदस्यों ने भी मेरा यौन शोषण किया। मुझे नहीं पता कि वे कौन थे। लेकिन मैं उस व्यक्ति का पर्दाफाश करूंगा जिसने मेरे साथ तब दुर्व्यवहार किया था जब मैं सिर्फ़ 3-4 साल का था।'
एनएम नाम का किया जिक्रआनंदू ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा के सक्रिय सदस्य एनएम नामक एक व्यक्ति ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। वह उनके पड़ोसी भी थे और जिन पर उन्हें भाई जैसा भरोसा था। उन्होंने बताया कि इस दुर्व्यवहार के कारण बाद में उन्हें ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) का पता चला। 'वह लगातार मेरे साथ दुर्व्यवहार करता था, मेरे शरीर के साथ बहुत कुछ करता था। मैं उसके लिए एक यौन उपकरण की तरह था। दुख की बात यह है कि मुझे इस दुर्व्यवहार का एहसास मेरी मानसिक बीमारी की वजह तब हुआ जब मुझे ओसीडी का पता चला। तब तक, मुझे लगता था कि इससे मुझे कोई समस्या नहीं हुई। वह मेरे भाई जैसे थे और मेरा परिवार उन्हें रिश्तेदार मानता था।' आनंदू ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस के शिविरों में संगठन के सदस्यों ने उनके साथ गंभीर यौन और शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया।
प्रियंका गांधी ने की जांच की मांगप्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वे अकेले पीड़ित नहीं हैं और आरएसएस के शिविरों में बड़े पैमाने पर यौन शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो यह भयावह है। पूरे भारत में लाखों छोटे बच्चे और किशोर इन शिविरों में जाते हैं। आरएसएस नेतृत्व को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। लड़कों का यौन शोषण लड़कियों के यौन शोषण जितना ही व्यापक है। प्रियंका ने पोस्ट में आगे कहा कि इन जघन्य अपराधों पर चुप्पी तोड़नी होगी।
पवन खेड़ा भी बरसेकांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कथित अपराधियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए समयबद्ध और गहन जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि आनंदू को चार साल की उम्र से ही आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोगों के यौन और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई।
खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया, 'आनंदू अजी एक युवा, होनहार सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, जो संभावनाओं से भरे हुए थे, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। इंस्टाग्राम पर एक निर्धारित पोस्ट में उन्होंने खुलासा किया है कि चार साल की उम्र में उन्हें आरएसएस और भाजपा के सदस्यों द्वारा गंभीर यौन और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा था। चार साल की उम्र में उन्हें जो सदमा लगा, उसने उन्हें जीवन भर सताया। दशकों बाद, ये जख्म इतने गहरे साबित हुए कि उन्हें सहना मुश्किल हो गया और उन्होंने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोगों का नाम लिया।'
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोपों की गहन जांच की मांग की है। प्रियंका गांधी ने एक पोस्ट में कहा कि आनंदू अजी ने अपने आत्महत्या संदेश में आरोप लगाया कि आरएसएस के कई सदस्यों ने उनके साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया। आरएसएस नेतृत्व को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
आनंदू ने क्या लिखाआनंदू ने लिखा, 'मैं किसी लड़की, प्रेम संबंध, कर्ज़ या ऐसी किसी भी वजह से आत्महत्या नहीं कर रहा हूं। मैं अपनी चिंता और अवसाद के कारण ऐसा कर रहा हूं। साथ ही, अपनी दवाओं की वजह से, मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा हूं।' आनंदू, जो बचपन में आरएसएस से जुड़े थे, ने आरोप लगाया कि उनकी मानसिक बीमारियों के लिए यह संगठन ज़िम्मेदार है, जो बचपन में उनके साथ हुए बार-बार यौन और शारीरिक शोषण के कारण हुई थी।
'मेरे साथ यौन शोषण हुआ'आनंदू न लिखा, 'मैं किसी से नाराज़ नहीं हूं सिवाय एक व्यक्ति और एक संगठन के। यह संगठन आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) है, जिससे मेरे पिता (जो एक बहुत अच्छे इंसान थे) ने मुझे जोड़ा था। यहीं मुझे संगठन और उस व्यक्ति से जीवन भर का सदमा मिला है। जब मैं बच्चा था, तब एक व्यक्ति ने मेरा लगातार यौन शोषण किया। आरएसएस के कई सदस्यों ने भी मेरा यौन शोषण किया। मुझे नहीं पता कि वे कौन थे। लेकिन मैं उस व्यक्ति का पर्दाफाश करूंगा जिसने मेरे साथ तब दुर्व्यवहार किया था जब मैं सिर्फ़ 3-4 साल का था।'
एनएम नाम का किया जिक्रआनंदू ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा के सक्रिय सदस्य एनएम नामक एक व्यक्ति ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। वह उनके पड़ोसी भी थे और जिन पर उन्हें भाई जैसा भरोसा था। उन्होंने बताया कि इस दुर्व्यवहार के कारण बाद में उन्हें ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) का पता चला। 'वह लगातार मेरे साथ दुर्व्यवहार करता था, मेरे शरीर के साथ बहुत कुछ करता था। मैं उसके लिए एक यौन उपकरण की तरह था। दुख की बात यह है कि मुझे इस दुर्व्यवहार का एहसास मेरी मानसिक बीमारी की वजह तब हुआ जब मुझे ओसीडी का पता चला। तब तक, मुझे लगता था कि इससे मुझे कोई समस्या नहीं हुई। वह मेरे भाई जैसे थे और मेरा परिवार उन्हें रिश्तेदार मानता था।' आनंदू ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस के शिविरों में संगठन के सदस्यों ने उनके साथ गंभीर यौन और शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया।
प्रियंका गांधी ने की जांच की मांगप्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वे अकेले पीड़ित नहीं हैं और आरएसएस के शिविरों में बड़े पैमाने पर यौन शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो यह भयावह है। पूरे भारत में लाखों छोटे बच्चे और किशोर इन शिविरों में जाते हैं। आरएसएस नेतृत्व को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। लड़कों का यौन शोषण लड़कियों के यौन शोषण जितना ही व्यापक है। प्रियंका ने पोस्ट में आगे कहा कि इन जघन्य अपराधों पर चुप्पी तोड़नी होगी।
पवन खेड़ा भी बरसेकांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कथित अपराधियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए समयबद्ध और गहन जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि आनंदू को चार साल की उम्र से ही आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोगों के यौन और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई।
खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया, 'आनंदू अजी एक युवा, होनहार सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, जो संभावनाओं से भरे हुए थे, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। इंस्टाग्राम पर एक निर्धारित पोस्ट में उन्होंने खुलासा किया है कि चार साल की उम्र में उन्हें आरएसएस और भाजपा के सदस्यों द्वारा गंभीर यौन और शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा था। चार साल की उम्र में उन्हें जो सदमा लगा, उसने उन्हें जीवन भर सताया। दशकों बाद, ये जख्म इतने गहरे साबित हुए कि उन्हें सहना मुश्किल हो गया और उन्होंने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोगों का नाम लिया।'
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