रांची: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि फौज ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां भाई-भतीजावाद नहीं है। उन्होंने बच्चों से देश की सेवा करने के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने की आकांक्षा रखने का आग्रह किया। रांची में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत के दौरान जनरल अनिल चौहान ने कहा कि सशस्त्र बलों ने इस वर्ष बड़ी संख्या में प्राकृतिक आपदाओं के बीच नागरिकों को बचाने के लिए अधिकतम प्रयास किए।
'फौज एक ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म नहीं है'रांची में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा, 'मैं ये बताना चाहता हूं कि फौज एक ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म नहीं है। भाई-भतीजावाद नहीं है, अगर आप काम करेंगे तो उसकी रेकॉग्निशन है। ये एक इम्पॉर्टेंट चीज है, जिसे हमें याद रखना चाहिए। दूसरी चीज, जो बच्चे हमेशा मुझसे पूछते हैं कि आप फौज में क्यों गए? क्या प्रेरणा थी, किस कारण से गए? सच बताऊं बच्चों को तो ग्यारवीं की परीक्षा की काफी तैयारी कर रहे थे तो पहले ऑल इंडिया हायर सेकेंड्री होता था। काफी फेडअप थे तो हमने कहा कि पढ़ाई नहीं करने पड़ेगी, इसलिए फौज में चलो। लेकिन, ये गलत धारणा थी और आजतक मैं पढ़ाई कर रहा हूं क्योंकि हमेशा अपने आपको प्रोफेशनली तैयार रखना एक फौजी की बड़ी जिम्मेवारी होती है। नए-नए सब्जेक्ट्स के ऊपर पढ़ना पड़ रहा है, हिस्ट्री, जियोग्राफी, टेक्नोलॉजी सभी चीजों पर सीनियर्स बनने के बाद।'
CDS चौहान ने शेयर किया 'ऑपरेशन सिंदूर' का अनुभवबच्चों की बीच सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि फौज ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां कोई भाई-भतीजावाद नहीं है। अगर, आप राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं, और देश तथा विश्व को जानना चाहते हैं, तो आपको सशस्त्र बलों में शामिल होने की आकांक्षा रखनी चाहिए। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में बात करते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा कि नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए पहला हमला छह और सात मई की दरम्यानी रात को एक बजे किया गया। उन्होंने कहा, 'रात के समय लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमला करने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता होती है।' 'ऑपरेशन सिंदूर' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
झारखंड में पहली बार ईस्ट टेक का आयोजनदरअसल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान रांची में तीन दिवसीय डिफेंस एक्सपो-ईस्ट टेक 2025 में भाग लेने के लिए रांची पहुंचे। उन्होंने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। इस मुलाकात पर राज्यपाल संतोष गंगवार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'आज राजभवन, रांची में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान से भेंट का अवसर प्राप्त हुआ। उनका अनुभव, नेतृत्व और राष्ट्र सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण सदैव प्रेरणादायी है।' 19 से 21 सितंबर तक रांची के खेलगांव में ईस्टर्न टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सहयोग से इसका आयोजन कराया जा रहा है।
'फौज एक ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म नहीं है'रांची में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा, 'मैं ये बताना चाहता हूं कि फौज एक ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म नहीं है। भाई-भतीजावाद नहीं है, अगर आप काम करेंगे तो उसकी रेकॉग्निशन है। ये एक इम्पॉर्टेंट चीज है, जिसे हमें याद रखना चाहिए। दूसरी चीज, जो बच्चे हमेशा मुझसे पूछते हैं कि आप फौज में क्यों गए? क्या प्रेरणा थी, किस कारण से गए? सच बताऊं बच्चों को तो ग्यारवीं की परीक्षा की काफी तैयारी कर रहे थे तो पहले ऑल इंडिया हायर सेकेंड्री होता था। काफी फेडअप थे तो हमने कहा कि पढ़ाई नहीं करने पड़ेगी, इसलिए फौज में चलो। लेकिन, ये गलत धारणा थी और आजतक मैं पढ़ाई कर रहा हूं क्योंकि हमेशा अपने आपको प्रोफेशनली तैयार रखना एक फौजी की बड़ी जिम्मेवारी होती है। नए-नए सब्जेक्ट्स के ऊपर पढ़ना पड़ रहा है, हिस्ट्री, जियोग्राफी, टेक्नोलॉजी सभी चीजों पर सीनियर्स बनने के बाद।'
VIDEO | "There's no 'nepotism' in the Army; you will get recognition if you work hard," says CDS Gen Anil Chauhan.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/hDJnQxlFG6
CDS चौहान ने शेयर किया 'ऑपरेशन सिंदूर' का अनुभवबच्चों की बीच सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि फौज ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां कोई भाई-भतीजावाद नहीं है। अगर, आप राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं, और देश तथा विश्व को जानना चाहते हैं, तो आपको सशस्त्र बलों में शामिल होने की आकांक्षा रखनी चाहिए। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में बात करते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा कि नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए पहला हमला छह और सात मई की दरम्यानी रात को एक बजे किया गया। उन्होंने कहा, 'रात के समय लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमला करने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता होती है।' 'ऑपरेशन सिंदूर' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था। पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
झारखंड में पहली बार ईस्ट टेक का आयोजनदरअसल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान रांची में तीन दिवसीय डिफेंस एक्सपो-ईस्ट टेक 2025 में भाग लेने के लिए रांची पहुंचे। उन्होंने झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। इस मुलाकात पर राज्यपाल संतोष गंगवार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'आज राजभवन, रांची में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान से भेंट का अवसर प्राप्त हुआ। उनका अनुभव, नेतृत्व और राष्ट्र सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण सदैव प्रेरणादायी है।' 19 से 21 सितंबर तक रांची के खेलगांव में ईस्टर्न टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के सहयोग से इसका आयोजन कराया जा रहा है।
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