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अंतरिक्ष में बनेंगे डेटा सेंटर? इस सैटेलाइट से दुनिया को हैरान कर सकते हैं एलन मस्क, तैयारी जान लीजिए

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Elon Musk on data center in space : दुनिया के दिग्‍गज लोगों में शुमार एलन मस्‍क ने एक ऐसी बात कह डाली है, जिससे अंतरिक्ष को नए तरह से इस्‍तेमाल करने की चर्चा शुरू हो गई है। मस्‍क ने एक ऐसी तकनीक पर अपनी दिलचस्‍पी जाहिर की है जो अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बना सकती है। आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती डिमांड की वजह से कंप्‍यूटिंग स्‍टोरेज और प्रोसेसिंग पावर की मांग बढ़ रही है। इसे ध्‍यान में रखते हुए पूरी दुनिया में डेटा सेंटर्स बनाने पर काम हो रहा है। भारत में भी बड़े-बड़े डेटा सेंटर बनने वाले हैं। हालांकि एक कल्‍पना यह भी है कि पृथ्‍वी के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी डेटा सेंटर बनाए जाएं। स्‍टारक्‍लाउड नाम का स्‍टार्टअप, गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्‍म‍िट और एमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस इस क्षेत्र में अपनी रुचि दिखा चुके हैं। अब एलन मस्‍क ने अपनी राय दी है। यह भी बताया है कि अंतरि‍क्ष में डेटा सेंटर बनाने के लिए उनका क्‍या प्‍लान होगा।



स्‍टारलिंक V3 सैटेलाइट बन सकते हैं मददगारमीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एलन मस्‍क ने कहा है कि वो स्‍टारलिंक V3 सैटेलाइट्स को बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल करके अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बना सकते हैं। अगर ऐसा हो जाता है कि तो कई फायदे दुनिया को मिल सकते हैं। पृथ्‍वी पर डेटा सेंटर बनाने के तमाम पर्यावरणीय नुकसान हैं। डेटा सेंटरों को चलाने के लिए बहुत ज्‍यादा पानी खर्च हो जाता है। अगर इन्‍हें अंतरिक्ष में बनाया जाता है तो वहां सूर्य की फ्री और अनल‍िमिटेड ऊर्जा से इन्‍हें चलाया जा सकेगा।



एक्‍सपर्ट की चिंता हालांकि कुछ एक्‍सपर्ट इस विचार को ज्‍यादा महत्‍व नहीं देते। उनका मानना है कि डेटा सेंटर बनाने के लिए अंतरिक्ष में जिस ढांचे की जरूरत होगी। मौजूदा तकनीक उसके लायक नहीं है। लेकिन यहां यह भी समझना होगा कि कुछ वक्‍त पहले तक सैटेलाइट इंटरनेट की कल्‍पना भी किसी ने नहीं की थी और एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक व अन्‍य कंपनियों ने इसे हकीकत में बदला है।



लेकिन कौन लगाएगा पैसा आर्स टेक्निका की एक रिपोर्ट में क्विल्टी स्पेस नाम की कंपनी के रिसर्च डायरेक्‍टर कैलेब हेनरी ने कहा कि अगर इस दिशा में पैसा लगाया जाता है तो निश्चित तौर पर अंतरिक्ष को लेकर किए जा रहे कामों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस काम को कौन शुरू करेगा। कौन इसमें पैसा लगाएगा, यह भी सवाल है।



क्‍या होते हैं डेटा सेंटर एक डेटा का काम किसी डेटा को स्‍टोर करना, उसे प्रोसेस करना और ट्रांसमिट करना होता है। हाल के वर्षों में डेटा स्‍टोरेज काफी ज्‍यादा होने लगा है। आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते इस्‍तेमाल ने डेटा सेंटरों की डिमांड को और उछाला है। पृथ्‍वी पर तो डेटा सेंटर बन ही रहे हैं, अगर अंतरिक्ष में भी इन्‍हें बना दिया जाता है तो यह इस क्षेत्र में बड़ी क्रांति होगी।



अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने के फायदे और चुनौतियां
  • रिपोर्टों के अनुसार, अंतरिक्ष में बनने वाले डेटा सेंटर पृथ्‍वी के डेटा सेंटरों की तुलना में टिकाऊ हो सकते हैं।
  • पृथ्‍वी पर डेटा सेंटरों की वजह से प्रदूषण होता है। ऊर्जा की खपत होती है। अंतरिक्ष में इनके बनने से पृथ्‍वी का बोझ का कम होगा।
  • हालांकि अंतरिक्ष में किसी डेटा सेंटर को बनाने में बहुत खर्च आ सकता है।
  • डेटा सेंटर बनने के बाद उसमें कोई गड़बड़ी आई, तो रिपेयरिंग में भी काफी खर्च आएगा।
  • किसी डेटा सेंटर को अंतर‍िक्ष में अपग्रेड करने के लिए जो मिशन जाएगा, वह भी खर्चीला होगा।
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