ग्वालियर: अपनी अलग कार्यशैली और बयानबाजी को लेकर मशहूर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा बयान दिया गया था कि वह एक महीने तक जितना संभव हो सकेगा, बिना एसी के अपने घर के पास बने पार्क में पंखे की हवा में सोएंगे, जिसकी शुरुआत उन्होंने कर दी है।
विपक्ष कह रहा पब्लिसिटी स्टंट
हालांकि उनके इस कारनामे को विपक्ष जहां एक तरफ पब्लिसिटी स्टंट बता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की मानें तो अभी प्रदेश में हो रही अघोषित कटौती की समस्या के समाधान की जरूरत है ना कि पंखे लगाकर पार्क में सोने की।
ऊर्जा मंत्री ने कर दी शुरुआत
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा लिए गए संकल्प के अनुसार उन्होंने अपने घर के बाहर बने नवीन पार्क में टेंट लगाकर सोने की शुरुआत कर दी है। ऊर्जा मंत्री की मानें तो ऐसा करने से, एक तरफ जहां बिजली की बचत होगी, तो वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
ग्वालियर और भोपाल में एक महीने बिना एसी के सोएंगे
ऊर्जा मंत्री का कहना है कि वर्तमान में ग्वालियर का प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है, जिसका असर हमारे शहर के बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी पर पड़ रहा है। यही मुख्य वजह है कि जनता का यह सेवक 30 दिन तक अगर ग्वालियर में रहे तो ग्वालियर में और भोपाल प्रवास पर रहे तो भोपाल में बिना एयर कंडीशन के सोएगा।
समझाया एसी का पूरा गणित
मंत्री का कहना है कि एक कमरे को ठंडा करने के लिए, लगभग डेढ़ टन का एसी चाहिए और यदि डेढ़ टन का एसी अगर 8 घंटे भी चलेगा तो लगभग 14 से 15 यूनिट बिजली की खपत होगी। इस बिजली की खपत से लगभग 13 किलो कोयला जलेगा। इस तरह 1 महीने में लगभग 390 किलो कोयला जलेगा। जिससे लगभग 401 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड बनेगी। अगर 1 महीने ऐसी में नहीं सोएंगे तो 401 किलो कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में नहीं फैलेगी। महीने में अगर 1 लाख लोग 1 घंटे के लिए भी एसी बंद कर दें तो 5010 टन कार्बन डाई ऑक्साइड से छुटकारा हमारे पर्यावरण को मिलेगा।
विपक्ष का कहना सोने की नहीं काम करने की जरूरत
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे पूरी तरह से एक पब्लिसिटी स्टंट बता रहा है। विपक्ष की मानें तो ऊर्जा मंत्री द्वारा जो काम किए जा रहे हैं उसकी जगह अगर प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती पर वे ध्यान दें, तो उस समस्या का समाधान होगा। इससे जनता को राहत मिलेगी। इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा का कहना है कि साल भर मेंटेनेंस के नाम पर कटौती की जाती है तो फिर गर्मी के इन महीनों में वह मेंटेनेंस कहां चला जाता है। ऊर्जा मंत्री को खुले में सोने के बजाय आमजन की समस्याओं और प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती की समस्या का समाधान करना चाहिए।
विपक्ष कह रहा पब्लिसिटी स्टंट
हालांकि उनके इस कारनामे को विपक्ष जहां एक तरफ पब्लिसिटी स्टंट बता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की मानें तो अभी प्रदेश में हो रही अघोषित कटौती की समस्या के समाधान की जरूरत है ना कि पंखे लगाकर पार्क में सोने की।
ऊर्जा मंत्री ने कर दी शुरुआत
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर द्वारा लिए गए संकल्प के अनुसार उन्होंने अपने घर के बाहर बने नवीन पार्क में टेंट लगाकर सोने की शुरुआत कर दी है। ऊर्जा मंत्री की मानें तो ऐसा करने से, एक तरफ जहां बिजली की बचत होगी, तो वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
ग्वालियर और भोपाल में एक महीने बिना एसी के सोएंगे
ऊर्जा मंत्री का कहना है कि वर्तमान में ग्वालियर का प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है, जिसका असर हमारे शहर के बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी पर पड़ रहा है। यही मुख्य वजह है कि जनता का यह सेवक 30 दिन तक अगर ग्वालियर में रहे तो ग्वालियर में और भोपाल प्रवास पर रहे तो भोपाल में बिना एयर कंडीशन के सोएगा।
समझाया एसी का पूरा गणित
मंत्री का कहना है कि एक कमरे को ठंडा करने के लिए, लगभग डेढ़ टन का एसी चाहिए और यदि डेढ़ टन का एसी अगर 8 घंटे भी चलेगा तो लगभग 14 से 15 यूनिट बिजली की खपत होगी। इस बिजली की खपत से लगभग 13 किलो कोयला जलेगा। इस तरह 1 महीने में लगभग 390 किलो कोयला जलेगा। जिससे लगभग 401 किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड बनेगी। अगर 1 महीने ऐसी में नहीं सोएंगे तो 401 किलो कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में नहीं फैलेगी। महीने में अगर 1 लाख लोग 1 घंटे के लिए भी एसी बंद कर दें तो 5010 टन कार्बन डाई ऑक्साइड से छुटकारा हमारे पर्यावरण को मिलेगा।
विपक्ष का कहना सोने की नहीं काम करने की जरूरत
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे पूरी तरह से एक पब्लिसिटी स्टंट बता रहा है। विपक्ष की मानें तो ऊर्जा मंत्री द्वारा जो काम किए जा रहे हैं उसकी जगह अगर प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती पर वे ध्यान दें, तो उस समस्या का समाधान होगा। इससे जनता को राहत मिलेगी। इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा का कहना है कि साल भर मेंटेनेंस के नाम पर कटौती की जाती है तो फिर गर्मी के इन महीनों में वह मेंटेनेंस कहां चला जाता है। ऊर्जा मंत्री को खुले में सोने के बजाय आमजन की समस्याओं और प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती की समस्या का समाधान करना चाहिए।
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