सहारनपुर: सहारनपुर स्थित इस्लामी मदरसे दारुल उलूम देवबंद के मौलाना कारी इसहाक गोरा मशहूर गीतकार जावेद अख्तर से काफी नाराज हैं। उन्होंने जावेद को 'वेल्ला' यानी निठल्ला तक कह दिया। असल में हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी दारुल उलूम देवबंद के दौरे पर आए जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसका मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने विरोध करते हुए एक्स पर एक पोस्ट कर दिया। इसी पोस्ट पर मौलाना नाराज हैं।
उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर है जिसमें वह कहते हैं कि जब व्यक्ति वेल्ला हो जाता है यानी उसके पास काम नहीं रह जाता तो वह ट्वीट करना शुरू कर देता है। लोगों पर उगंली उठाना शुरू कर देता है। जावेद अख्तर ने तो सारी उम्र नाच गानों में गुजारी है, वह क्या जानें कि मेहमान नवाजी क्या होती है। इंसान का पढ़ लेना ही काफी नहीं होता, दिमाग खुलना भी जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर जावेद अख्तर कुछ समय मदरसों में पढ़ लेते तो बहुत कुछ अच्छा सोच पाते। उन्हें समझना चाहिए कि भारत मेहमान नवाजी के लिए मशहूर है। तालिबान के विदेश मंत्री का स्वागत एक सरकारी मेहमान के तौर पर हुआ है। सरकारी नीतियों का विरोध करके जावेद अख्तर उस पर उंगली उठा रहे हैं।
इससे पहले जावेद अख्तर ने एक्स पर लिखा था, दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को हर तरह के आतंकवादियों के खिलाफ मंच पर बोलने वालों द्वारा दिए गए सम्मान और स्वागत को देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने उस इस्लामिक हीरो का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मेरे भारतीय भाइयों और बहनों, हमारे साथ क्या हो रहा है।
उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर है जिसमें वह कहते हैं कि जब व्यक्ति वेल्ला हो जाता है यानी उसके पास काम नहीं रह जाता तो वह ट्वीट करना शुरू कर देता है। लोगों पर उगंली उठाना शुरू कर देता है। जावेद अख्तर ने तो सारी उम्र नाच गानों में गुजारी है, वह क्या जानें कि मेहमान नवाजी क्या होती है। इंसान का पढ़ लेना ही काफी नहीं होता, दिमाग खुलना भी जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर जावेद अख्तर कुछ समय मदरसों में पढ़ लेते तो बहुत कुछ अच्छा सोच पाते। उन्हें समझना चाहिए कि भारत मेहमान नवाजी के लिए मशहूर है। तालिबान के विदेश मंत्री का स्वागत एक सरकारी मेहमान के तौर पर हुआ है। सरकारी नीतियों का विरोध करके जावेद अख्तर उस पर उंगली उठा रहे हैं।
इससे पहले जावेद अख्तर ने एक्स पर लिखा था, दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को हर तरह के आतंकवादियों के खिलाफ मंच पर बोलने वालों द्वारा दिए गए सम्मान और स्वागत को देखकर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने उस इस्लामिक हीरो का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मेरे भारतीय भाइयों और बहनों, हमारे साथ क्या हो रहा है।
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