पटना: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और बिहार से चार बार सांसद रहे राजीव प्रताप रूडी ने बिहार की राजनीति में सवर्ण जातियों के महत्व पर ज़ोर दिया है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दशकों से बिहार की राजनीति सामाजिक न्याय और पिछड़ी जातियों के इर्द-गिर्द घूम रही है, जिसके कारण सवर्ण समुदाय की अनदेखी हुई है, और वह अब इसी अनदेखी की गई आबादी की आवाज़ बन गए हैं। बिहार चुनाव से पहले एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह 'सवर्ण जातियों के एकजुट होने का समय' है।
रूडी ने कहा, 'आप केवल यह कहकर राजपूतों की अनदेखी नहीं कर सकते कि उनकी आबादी केवल 3.5 प्रतिशत है। राजपूत और अन्य सवर्ण जातियों को अपनी ताकत पहचाननी होगी और अपना हक लेना होगा। मैं उनकी आवाज़ बन गया हूं, क्योंकि उनकी अनदेखी की जा रही है।'
'सांगा यात्रा' से सवर्णों को जोड़ने की कोशिश
इसी दिशा में, रूडी ने 'सांगा यात्रा' शुरू की है। उन्होंने बताया कि मेवाड़ के महाराणा सांगा के नाम पर रखी गई यह यात्रा बिहार के सभी सवर्णों, जिसमें राजपूत भी शामिल हैं, को एकजुट करने का प्रयास है।
लालू परिवार को लगातार हराने वाले नेता हूं: रूडी
सारण (पहले छपरा) से तीन बार सांसद रहे रूडी ने दावा किया कि वह राज्य में एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लालू यादव के परिवार के सदस्यों को लगातार शिकस्त दी है। उन्होंने लालू यादव से लेकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी रोहिणी आचार्य और तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय तक को चुनावी मैदान में हराया है।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'शायद मैं अकेला ऐसा नेता हूं, जिसने लालू प्रसाद यादव के परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ चुनाव लड़ा है।'
पार्टी में भूमिका पर क्या बोले रूडी?पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जिसके तुरंत बाद उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था। रूडी ने इस बात को खारिज कर दिया कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की है। उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी का एक प्रतिबद्ध सदस्य हूं... चूंकि मुझे केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है, इसलिए मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय मिल रहा है।'
राजनीति के खिलाड़ी नहीं प्रशांत किशोर: रूडीआगामी विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर को लेकर रूडी ने उन्हें 'मुख्यधारा का राजनीतिक खिलाड़ी नहीं' बताया। रूडी ने कहा, 'उन्हें (प्रशांत किशोर को) पहले राजनीतिक अखाड़े में प्रवेश करना होगा, खुद को साबित करना होगा, और उसके बाद ही वे दूसरों को निशाना बनाना शुरू कर सकते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि किसी भी नेता को 'पहले विधायक या सांसद बनना होगा, सदन के अंदर प्रदर्शन करना होगा, लोगों के मुद्दों को संभालना होगा और उसके बाद ही वे दूसरों पर उंगली उठा सकते हैं।'
रूडी ने कहा, 'आप केवल यह कहकर राजपूतों की अनदेखी नहीं कर सकते कि उनकी आबादी केवल 3.5 प्रतिशत है। राजपूत और अन्य सवर्ण जातियों को अपनी ताकत पहचाननी होगी और अपना हक लेना होगा। मैं उनकी आवाज़ बन गया हूं, क्योंकि उनकी अनदेखी की जा रही है।'
'सांगा यात्रा' से सवर्णों को जोड़ने की कोशिश
इसी दिशा में, रूडी ने 'सांगा यात्रा' शुरू की है। उन्होंने बताया कि मेवाड़ के महाराणा सांगा के नाम पर रखी गई यह यात्रा बिहार के सभी सवर्णों, जिसमें राजपूत भी शामिल हैं, को एकजुट करने का प्रयास है।
लालू परिवार को लगातार हराने वाले नेता हूं: रूडी
सारण (पहले छपरा) से तीन बार सांसद रहे रूडी ने दावा किया कि वह राज्य में एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लालू यादव के परिवार के सदस्यों को लगातार शिकस्त दी है। उन्होंने लालू यादव से लेकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी रोहिणी आचार्य और तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय तक को चुनावी मैदान में हराया है।
राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'शायद मैं अकेला ऐसा नेता हूं, जिसने लालू प्रसाद यादव के परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ चुनाव लड़ा है।'
पार्टी में भूमिका पर क्या बोले रूडी?पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, जिसके तुरंत बाद उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था। रूडी ने इस बात को खारिज कर दिया कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की है। उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी का एक प्रतिबद्ध सदस्य हूं... चूंकि मुझे केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है, इसलिए मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय मिल रहा है।'
राजनीति के खिलाड़ी नहीं प्रशांत किशोर: रूडीआगामी विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर को लेकर रूडी ने उन्हें 'मुख्यधारा का राजनीतिक खिलाड़ी नहीं' बताया। रूडी ने कहा, 'उन्हें (प्रशांत किशोर को) पहले राजनीतिक अखाड़े में प्रवेश करना होगा, खुद को साबित करना होगा, और उसके बाद ही वे दूसरों को निशाना बनाना शुरू कर सकते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि किसी भी नेता को 'पहले विधायक या सांसद बनना होगा, सदन के अंदर प्रदर्शन करना होगा, लोगों के मुद्दों को संभालना होगा और उसके बाद ही वे दूसरों पर उंगली उठा सकते हैं।'
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