वॉशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल के एक डॉक्टर को स्वास्थ्य सेवा फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के मामले में 168 माह यानी 14 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। अमेरिका के न्याय विभाग ने यह जानकारी दी। पेंसिल्वेनिया के रहने वाले डॉ नील के आनंदन को मरीजों को जरूरत न होने पर भी मरीजों को सिडिटेव दवाइयों के पैकेट थोपने और फर्जी बीमा क्लेम का दोषी पाया गया। TOI की रिपोर्ट के अनुसार डॉ. आनंद ने 9/11 के मरीजों का इलाज किया था। उनके ऊपर 20 लाख डॉलर से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है।
फर्जी क्लेम से 24 लाख लाख डॉलर की ठगी
जांच में पता चला कि डॉ. आनंद पहले से उनके हस्ताक्षर वाली खाली पर्चियां रखते थे, जिस पर उनके बिना लाइसेंस वाले इंटर्न नशीली दवाइयां लिखते थे। दस्तावेजों के अनुसार, उन्होंने मेडिकेयर, ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट, इंडिपेंडेंट ब्लू क्रॉस और एंथम जैसी एजेंसियों से फर्जी क्लेम के जरिए 24 लाख डॉलर की ठगी की। न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि 48 वर्षीय डॉक्टर नील के. आनंद को 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक की क्षतिपूर्ति और 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक की जब्ती का भी आदेश दिया गया है।
आनंद को इस साल अप्रैल में मेडिकेयर, अमेरिकी कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (ओपीएम), इंडिपेंडेंस ब्लू क्रॉस (आईबीसी) तथा अन्य में अनावश्यक दवाओं संबंधित दावे प्रस्तुत करने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। न्याय विभाग के मंगलवार के बयान में कहा गया है कि ये दवाएं आनंद के स्वामित्व वाली विभिन्न फार्मेसी द्वारा मरीजों को दी जाती थीं।
मरीजों को देते थे नशीली दवाइयां
बयान में कहा गया है, 'कुल मिलाकर, मेडिकेयर, ओपीएम, आईबीसी और एंथम ने 24 लाख अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा की प्रतिपूर्ति की। मरीजों को उत्पाद के साथ मिलने वाले तोहफे लेने के लिए लुभाने के लिए आनंद ने चिकित्सा पद्धति के सामान्य चलन से हटकर और बिना किसी जायज चिकित्सीय उद्देश्य के ऑक्सीकोडोन वितरित करने की भी साजिश रची।'
विभाग ने कहा कि योजना के तहत, आनंद ने नौ अलग-अलग मरीजों के लिए 20,850 ऑक्सीकोडोन गोलियां लिखीं, लेकिन जब उसे पता चला कि उसके खिलाफ जांच चल रही है, तो आनंद ने 'एक रिश्तेदार के नाम पर और एक नाबालिग रिश्तेदार के लाभ के लिए एक खाते में लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर अंतरित करके धोखाधड़ी वाली आय को छुपा लिया।' ऑक्सीकोडोन भीषण दर्द उठने पर उसके शमन के लिए दी जाने वाली दवा है।
फर्जी क्लेम से 24 लाख लाख डॉलर की ठगी
जांच में पता चला कि डॉ. आनंद पहले से उनके हस्ताक्षर वाली खाली पर्चियां रखते थे, जिस पर उनके बिना लाइसेंस वाले इंटर्न नशीली दवाइयां लिखते थे। दस्तावेजों के अनुसार, उन्होंने मेडिकेयर, ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट, इंडिपेंडेंट ब्लू क्रॉस और एंथम जैसी एजेंसियों से फर्जी क्लेम के जरिए 24 लाख डॉलर की ठगी की। न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि 48 वर्षीय डॉक्टर नील के. आनंद को 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक की क्षतिपूर्ति और 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक की जब्ती का भी आदेश दिया गया है।
आनंद को इस साल अप्रैल में मेडिकेयर, अमेरिकी कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (ओपीएम), इंडिपेंडेंस ब्लू क्रॉस (आईबीसी) तथा अन्य में अनावश्यक दवाओं संबंधित दावे प्रस्तुत करने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। न्याय विभाग के मंगलवार के बयान में कहा गया है कि ये दवाएं आनंद के स्वामित्व वाली विभिन्न फार्मेसी द्वारा मरीजों को दी जाती थीं।
मरीजों को देते थे नशीली दवाइयां
बयान में कहा गया है, 'कुल मिलाकर, मेडिकेयर, ओपीएम, आईबीसी और एंथम ने 24 लाख अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा की प्रतिपूर्ति की। मरीजों को उत्पाद के साथ मिलने वाले तोहफे लेने के लिए लुभाने के लिए आनंद ने चिकित्सा पद्धति के सामान्य चलन से हटकर और बिना किसी जायज चिकित्सीय उद्देश्य के ऑक्सीकोडोन वितरित करने की भी साजिश रची।'
विभाग ने कहा कि योजना के तहत, आनंद ने नौ अलग-अलग मरीजों के लिए 20,850 ऑक्सीकोडोन गोलियां लिखीं, लेकिन जब उसे पता चला कि उसके खिलाफ जांच चल रही है, तो आनंद ने 'एक रिश्तेदार के नाम पर और एक नाबालिग रिश्तेदार के लाभ के लिए एक खाते में लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर अंतरित करके धोखाधड़ी वाली आय को छुपा लिया।' ऑक्सीकोडोन भीषण दर्द उठने पर उसके शमन के लिए दी जाने वाली दवा है।
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