इस्लामाबाद: पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए हालिया रक्षा समझौते का ईरान ने समर्थन किया है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में इस समझौते को व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था की शुरुआत बताया है। इस समझौते पर अरब और मुस्लिम देशों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। दूसरी ओर शहबाज शरीफ और मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुई इस डील को बलूच विद्रोही खतरे की तरह देख रहे हैं। बलूच नेताओं ने इस समझौते के बाद पाकिस्तान से परमाणु बम छीनने की मांग की है।
बलूचिस्तानी प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राष्ट्रपति के भाषण को एक नई शुरुआत का संकेत कहा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से परमाणु बम तुरंत ले लिया जाना चाहिए। इससे पहले कि वह अपने परमाणु हथियार ईरान, तुर्की, सऊदी अरब, कतर और दूसरे देशों को कुछ अरब डॉलर में बेच दे। ऐसा हुआ तो दुनिया को उन्हें रोकने के लिए खरबों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे।
परमाणु की होड़ रोकना जरूरीमीर यार बलूच ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 'परमाणु हथियारों की होड़ से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र, नाटो और अमेरिका को ध्यान देना होगा। इस होड़ को शुरू होने से रोकने के लिए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को उससे छीनकर सुरक्षित करना होगा। पाकिस्तान के साथ ईरान, सऊदी अरब, तुर्की और चीन का गठजोड़ बन रहा है। ये गठजोड़ भारत, इजरायल, अमेरिका, यूरोप, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के लिए बड़ा खतरा है।'
मीर यार ने आगे लिखा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौते को ईरान का समर्थन मिला है। यह मुस्लिम अंब्रेला और परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल होने की दिशा में एक कदम है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में चल रहे छद्म युद्धों और उग्रवाद का समर्थन करने की सजा से बचना है। इस पर दुनिया को आंख बंद हीं करनी चाहिए।
बलूचिस्तान में हार चुका पाकिस्तानमीर यार बलूच ने कहा कि पाकिस्तान बुरी तरह घिरा हुआ है। वह पहले ही बलूचिस्तान में अपनी लड़ाई को हार चुका है। पाकिस्तान की सेना को बलूचिस्तान के बहुमूल्य खनिज संसाधनों का दोहन करने में मुश्किल आ रही है। पाक सेना और सरकार बलूचिस्तान की लूट में असहाय हो रही है, इसलिए नए रास्ते तलाश रही है।
मीर ने कहा कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धोखा देते हुए सऊदी अरब, ईरान और तुर्की को अपने परमाणु हथियार बेचने के रक्षा समझौते कर रहा है। इससे पहले कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को विमान में भरकर इस्तांबुल, रियाद और अंकारा भेजे, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आगे आना होगा। पाकिस्तान के परमाणु बमों को सुरक्षित कस्टडी में लेते हुए क्षेत्र को परमाणु हथियारों की दौड़ से रोकना होगा।
बलूचिस्तानी प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राष्ट्रपति के भाषण को एक नई शुरुआत का संकेत कहा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से परमाणु बम तुरंत ले लिया जाना चाहिए। इससे पहले कि वह अपने परमाणु हथियार ईरान, तुर्की, सऊदी अरब, कतर और दूसरे देशों को कुछ अरब डॉलर में बेच दे। ऐसा हुआ तो दुनिया को उन्हें रोकने के लिए खरबों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे।
परमाणु की होड़ रोकना जरूरीमीर यार बलूच ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 'परमाणु हथियारों की होड़ से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र, नाटो और अमेरिका को ध्यान देना होगा। इस होड़ को शुरू होने से रोकने के लिए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को उससे छीनकर सुरक्षित करना होगा। पाकिस्तान के साथ ईरान, सऊदी अरब, तुर्की और चीन का गठजोड़ बन रहा है। ये गठजोड़ भारत, इजरायल, अमेरिका, यूरोप, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के लिए बड़ा खतरा है।'
मीर यार ने आगे लिखा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौते को ईरान का समर्थन मिला है। यह मुस्लिम अंब्रेला और परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल होने की दिशा में एक कदम है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में चल रहे छद्म युद्धों और उग्रवाद का समर्थन करने की सजा से बचना है। इस पर दुनिया को आंख बंद हीं करनी चाहिए।
#IAEA, #USA, #UN and #NATO must take Pakistan's nukes in safe custody to avoid nukes race.
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) September 24, 2025
Iran, Saudi, Turkey, Pakistan, China nexus is great threat to #India, #Israel, #USA, #Europe, #Afghanistan and #Balochistan.
Iran’s support at the United Nations General Assembly for… pic.twitter.com/HRraHaPfYl
बलूचिस्तान में हार चुका पाकिस्तानमीर यार बलूच ने कहा कि पाकिस्तान बुरी तरह घिरा हुआ है। वह पहले ही बलूचिस्तान में अपनी लड़ाई को हार चुका है। पाकिस्तान की सेना को बलूचिस्तान के बहुमूल्य खनिज संसाधनों का दोहन करने में मुश्किल आ रही है। पाक सेना और सरकार बलूचिस्तान की लूट में असहाय हो रही है, इसलिए नए रास्ते तलाश रही है।
मीर ने कहा कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धोखा देते हुए सऊदी अरब, ईरान और तुर्की को अपने परमाणु हथियार बेचने के रक्षा समझौते कर रहा है। इससे पहले कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को विमान में भरकर इस्तांबुल, रियाद और अंकारा भेजे, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आगे आना होगा। पाकिस्तान के परमाणु बमों को सुरक्षित कस्टडी में लेते हुए क्षेत्र को परमाणु हथियारों की दौड़ से रोकना होगा।
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