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जिस पिता पर लगे थे गंभीर आरोप, उसी की बेटी ने बढ़ाया देश का सम्मान, यूं ही नहीं हर कोई जेमिमा बन जाता

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नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्स ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा दिया। जेमिमा ने 116 गेंदों पर नाबाद 127 रन की पारी खेली। यह उपलब्धि तब आई है जब पिछले साल उनके परिवार पर लगे आरोपों के कारण मुंबई के एक प्रतिष्ठित क्लब ने उनकी मानद सदस्यता रद्द कर दी थी।

मानद सदस्यता हुई थी रद्द
यह पूरा मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, जब मुंबई के ऐतिहासिक खर जिमखाना ने जेमिमा की मानद सदस्यता रद्द कर दी थी। यह कार्रवाई जेमिमा के व्यक्तिगत आचरण के कारण नहीं, बल्कि उनके पिता इवान रोड्रिग्स द्वारा क्लब परिसर में अनाधिकृत धार्मिक सभाएं आयोजित करने के आरोपों के कारण हुई थी। आरोप था कि इवान रोड्रिग्स ने ब्रदर मैनुअल मिनिस्ट्रीज के तहत लगभग 18 महीनों में 35 धार्मिक सभाएं आयोजित की थीं, जो क्लब के नियमों का उल्लंघन था। क्लब के नियम परिसर में किसी भी राजनीतिक या धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं देते।


क्लब के अध्यक्ष विवेक देवनानी ने बताया कि यह फैसला बैठक में मौजूद सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था। जेमिमा को यह सदस्यता उनकी क्रिकेट उपलब्धियों के सम्मान में 2023 में तीन साल के लिए दी गई थी।



बल्ले से दिया करारा जवाब
इस विवाद के एक साल बाद, जेमिमा रॉड्रिग्स ने अपनी क्रिकेट प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए सभी आलोचकों और परेशानियों को शांत कर दिया। उन्होंने अपनी नाबाद 127 रनों की पारी में 14 चौके और 3 छक्के जड़े। उनकी इस पारी ने भारत को वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 339 रनों का सबसे बड़ा चेज करने में मदद की। जेमिमा की यह जुझारू पारी दिखाती है कि उन्होंने कैसे व्यक्तिगत और पारिवारिक दबाव से उबरकर देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण मैच में शानदार प्रदर्शन किया। अब भारतीय टीम फाइनल में साउथ अफ्रीका से भिड़ेगी।
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