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तलाक का दर्दनाक सफर और खाली होता बैंक अकाउंट... जब सैलरी का 38% हिस्सा गुजारा-भत्ते में चला जाए तो क्या करें?

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तलाक या डिवोर्स... यह शब्द सुनने में जितना छोटा है,इसका दर्द उतना ही गहरा और लंबा होता है। यह सिर्फ दो लोगों का अलग होना नहीं,बल्कि एक भावनात्मक तूफ़ान होता है जो इंसान को अंदर तक तोड़कर रख देता है।लेकिन इस भावनात्मक दर्द के साथ-साथ एक और घाव है जो शायद बाहर से नहीं दिखता,पर अंदर ही अंदर आपको और कमजोर करता है - और वो हैআর্থিকचोट। एक हालिया रिपोर्ट ने इस चोट की गहराई को आंकड़ों में बयां किया है। रिपोर्ट के मुताबिक,तलाक के बाद गुजारा-भत्ता (Alimony)और बच्चों के रखरखाव का खर्च एक पुरुष की सालाना कमाई काऔसतन38%हिस्सा ले जाता है।सोचिए,आपकी मेहनत की कमाई का लगभग एक तिहाई से भी ज्यादा हिस्सा आपकी जेब में आने से पहले ही कट जाए! ऐसे में घर चलाना,अपनी जरूरतें पूरी करना और भविष्य के लिए कुछ बचाना लगभग नामुमकिन सा लगने लगता है।यह एक ऐसी हकीकत है जो इंसान को आर्थिक रूप से तोड़ने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी तोड़ देती है। तो सवाल यह है कि इस मुश्किल और तनावभरी स्थिति से कैसे निपटा जाए?अपनी जिंदगी को वापस पटरी पर कैसे लाया जाए?यह सफर मुश्किल है,पर नामुमकिन नहीं। बस इन5बातों को गांठ बांध लें:1.सबसे पहले,नई सच्चाई को स्वीकारेंसबसे मुश्किल कदम यही होता है। आपका पुराना लाइफस्टाइल और खर्च करने का तरीका अब अतीत बन चुका है। इस सच्चाई को स्वीकार करें कि अब आपका बजट पहले जैसा नहीं रहा। जितना जल्दी आप इस मानसिक बदलाव को अपनाएंगे,उतनी जल्दी आप समाधान की ओर बढ़ पाएंगे।2.रद्दी में फेंकें पुराना बजट,बनाएं बिल्कुल नयाआपका वह पुराना बजट अब किसी काम का नहीं। एक डायरी या एक्सेल शीट लें और अपनी नई सैलरी (गुजारा-भत्ता काटने के बाद) लिखें। अब उसके सामने अपने हर छोटे-बड़े खर्चे को ईमानदारी से लिखें - घर का किराया,बिजली का बिल,राशन, EMI,और आपकी व्यक्तिगत जरूरतें।आपको शायद यह देखकर झटका लगे कि खर्च कितना ज्यादा है। अब बेरहमी से उन खर्चों पर कैंची चलाएं जो जरूरी नहीं हैं - जैसे बाहर महंगा खाना,महंगी शॉपिंग,गैर-जरूरी सब्सक्रिप्शन आदि।3.एक्सपर्ट की मदद लेने में शर्म कैसी?आप अपनी जिंदगी की सबसे मुश्किल आर्थिक लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में एक वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor)या प्लानर आपकी बहुत मदद कर सकता है। वह बिना किसी जजमेंट के,आपके बजट को देखेगा और आपको बताएगा कि आप कहां और कैसे पैसे बचा सकते हैं और अपनी कमाई को फिर से कैसे बढ़ा सकते हैं।4.कमाई बढ़ाने के दूसरे रास्ते तलाशेंसिर्फ खर्चों में कटौती करना ही काफी नहीं हो सकता। क्या आप अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करके कोई छोटा-मोटा फ्रीलांस काम कर सकते हैं?क्या कोई साइड-हसल शुरू किया जा सकता है?अपनी कमाई में होने वाला छोटा सा भी इजाफा आपके आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाएगा।5.अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता देंयह सबसे जरूरी है। पैसों का तनाव इंसान को डिप्रेशन में धकेल सकता है। अगर आप मानसिक रूप से ही स्वस्थ नहीं रहेंगे,तो आप काम कैसे करेंगे और लड़ेंगे कैसे?दोस्तों से बात करें,परिवार का सहारा लें,और अगर जरूरत महसूस हो तो किसी थेरेपिस्ट या काउंसलर से बात करने में बिल्कुल भी न हिचकिचाएं।याद रखिए,यह आपकी जिंदगी का एक बुरा दौर है,पूरी जिंदगी नहीं। सही प्लानिंग और मजबूत इरादों के साथ,आप इस आर्थिक दलदल से बाहर निकल सकते हैं और एक नई,स्थिर और बेहतर जिंदगी की शुरुआत कर सकते हैं।
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