कराची। लश्कर-ए-तैयबा के बड़े और खूंखार आतंकी सैफुल्लाह उर्फ विनोद कुमार को अज्ञात लोगों ने रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बादिन जिले के माटली तालुका में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। सैफुल्लाह को मोहम्मद सलीम उर्फ खालिद, उर्फ वनियाल उर्फ, वाजिद उर्फ सलीम भाई के नाम से भी जाना जाता था। नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा का सारा काम और मॉड्यूल सैफुल्लाह ही संभालता था। उसका मुख्य काम लश्कर के लिए फंडिंग और कैडर जुटाना था। काफी समय तक सैफुल्लाह नेपाल में ही रहकर लश्कर-ए-तैयबा का कामकाज देखता रहा।
सैफुल्लाह के बारे में भारत की खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि वो नेपाल के रास्ते भारत में आतंकवादियों को भेजने का काम करता था। काफी दिनों से भारतीय एजेंसियां उसकी तलाश में लगी थीं। सैफुल्लाह के बारे में सूत्रों का कहना है कि वो लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का भी खास सहयोगी था। नेपाल में रहते वक्त सैफुल्लाह अपनी पहचान छिपाने के लिए विनोद कुमार का नाम रख लेता था। नेपाल की ही रहने वाली नगमा बानो से सैफुल्लाह ने शादी भी की थी।
सैफुल्लाह का नाम साल 2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के मुख्यालय पर आतंकी हमले में आया था। इसके अलावा बेंगलुरु के आईआईएससी पर हुए हमले के अलावा यूपी के रामपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमले का भी सैफुल्लाह मास्टरमाइंड था। नेपाल में लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने में दिक्कत पैदा होने की वजह से सैफुल्लाह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के माटली में शिफ्ट हो गया था। माटली में रहकर ही वो लश्कर के लिए लगातार आतंकियों की भर्ती और फंड जुटाने का काम कर रहा था। पाकिस्तान में इससे पहले भी कई खूंखार और भारत पर हमले में शामिल रहे आतंकियों को अज्ञात लोगों ने मौत के मुंह में पहुंचाया है।
The post appeared first on .
You may also like
SBI की इस योजना से बुजुर्गों को मिलेगी गारंटीड सुरक्षा और 8.20% ब्याज!
आईपीएल 2025 : केएल राहुल की शानदार 112 रनों की पारी, दिल्ली कैपिटल्स ने गुजरात टाइटंस के सामने रखा 200 रनों का लक्ष्य
केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वां वेतन आयोग लाएगा बंपर सैलरी
सोने की कीमतों में गिरावट का दौर, क्या है आपके शहर में आज का रेट?
झांसी के पोस्टमार्टम हाउस में शव को घसीटने का शर्मनाक वीडियो वायरल