इंटरनेट डेस्क। हाल ही में पाकिस्तान से भारत लौटे सीमा सुरक्षा बल के जवान पूर्णम कुमार शॉ को सोने नहीं दिया जाता था और तीन सप्ताह से अधिक समय तक हिरासत के दौरान जासूस की तरह उनसे पूछताछ की गई। शॉ को 23 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना ने तब पकड़ा था जब वह फिरोजपुर सेक्टर में स्थानीय किसानों के एक समूह को सीमा बाड़ के पार ले जाते समय अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गया था। बीएसएफ द्वारा अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान उसकी हिरासत का मुद्दा लगातार उठाए जाने के बाद उसे 23 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था।
शारीरिक रूप से नहीं किया गया प्रताड़ितशुक्रवार को एक रिपोर्ट में शॉ की अपनी गर्भवती पत्नी रजनी से बुधवार को हुई बातचीत का ब्यौरा दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जवान ने बताया कि उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया, बल्कि हर रात उससे पूछताछ की गई, जिससे वह मानसिक रूप से थक गया। तीन सप्ताह से अधिक समय तक हिरासत में रहने के दौरान शॉ के साथ एक सैनिक की बजाय एक जासूस जैसा व्यवहार किया गया और उसे तीन अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रजनी को यह भी पता चला कि उनमें से एक स्थान एयरबेस जैसा लग रहा था, क्योंकि शॉ ने कथित तौर पर विमान की आवाजाही की आवाज़ें सुनी थीं।
दांत ब्रश करने की नहीं थी अनुमतिशॉ की पत्नी ने यह भी बताया कि उनके पति को नियमित रूप से भोजन दिया जाता था, लेकिन उन्हें अपने दांत ब्रश करने की अनुमति नहीं थी। रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया कि जब उन्होंने बात की, तो वे बहुत थके हुए लग रहे थे और उन्होंने कहा कि उन्हें नींद नहीं आ रही है। पश्चिम बंगाल के हुगली के निवासी शॉ 10 अप्रैल से भारत-पंजाब सीमा पर एक तदर्थ टीम के साथ तैनात थे। जब वे अनजाने में सीमा पार कर गए, तब वे अपनी वर्दी पहने हुए थे और अपनी जी2 सर्विस राइफल के साथ ड्यूटी पर थे। जवान की पत्नी ने राहत व्यक्त की थी और शॉ की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था।
PC : Timesofindia
You may also like
Love Rashifal 17 May : साध्य-शुभ योग में आज कैसा रहेगा मेष से मीन तक सभी राशियों का प्रेम जीवन? जानें विस्तार से
धड़कनों को समझें और जान की चुनौतियों को दें मात
नीरज चोपड़ा ने पहली बार किया ये कारनामा, लेकिन दूसरे स्थान पर रहे
प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की आहार आदतों पर बीएचयू में शोध अध्ययन
दुनिया के खत्म होने पर नई रिसर्च : पेड़ राख बन जाएंगे, अगले इतने सालों में पृथ्वी से खत्म होगा ऑक्सीजन