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"'जा, मोदी को बता देना…' – पहलगाम आतंकी हमले में पति को खोने वाली पल्लवी ने सुनाई खौफनाक आपबीती"

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पहलगाम आतंकी हमले की बचे पीड़िता की मार्मिक आपबीती

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला न केवल दिल दहला देने वाला था, बल्कि इसने देशभर में गहरा आक्रोश और शोक पैदा किया है। इस बर्बर हमले में 28 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हो गए। इस खौफनाक मंजर से किसी तरह बच निकलीं पल्लवी ने अपनी आंखों से अपने पति को खोने का दर्द साझा किया।

पल्लवी का दावा – ;आतंकी हिंदू पर्यटकों को बना रहे थे निशाना

पल्लवी ने बताया कि यह हमला पूर्व नियोजित था और खास तौर पर हिंदू पर्यटकों को टारगेट किया गया। “उन्होंने सीधा हमारे समूह को निशाना बनाया। मैंने अपने पति को अपनी आंखों के सामने गोली लगते देखा,” उन्होंने भावुक स्वर में बताया।

जब पल्लवी ने आतंकियों से कहा, “तुमने मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो,” तो एक आतंकी ने जवाब दिया – “मैं तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ मोदी को बता देना।” यह बयान आतंकियों की क्रूर मानसिकता और नापाक मंशा को उजागर करता है।

तीन-चार आतंकियों ने दिया था हमले को अंजाम

पल्लवी ने बताया कि हमला करने वाले तीन से चार आतंकी थे जिन्होंने उनके समूह पर अचानक हमला किया। “उन्होंने बिना वजह नहीं मारा, वे पहले से तय कर चुके थे कि किसे निशाना बनाना है,” उन्होंने कहा।

प्रशासन से भावनात्मक अपील

अपने पति को खोने के गहरे सदमे में डूबी पल्लवी ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके पति का शव जल्द से जल्द कर्नाटक के शिवमोगा पहुंचाया जाए। दुर्गम घाटी में शव को नीचे लाना बेहद मुश्किल है।

“यहां से शव आसानी से नीचे नहीं लाया जा सकता, इसे हवाई मार्ग से ले जाना होगा। कृपया मदद करें ताकि हम अपने पति को अंतिम विदाई दे सकें,” उन्होंने भावुक अपील की। सोशल मीडिया पर भी पल्लवी के समर्थन में कई लोग आवाज उठा रहे हैं।

केंद्र सरकार की सख्त प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इस घिनौने हमले के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।”

गृह मंत्री अमित शाह भी श्रीनगर पहुंच चुके हैं और सुरक्षा हालात की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो भी इस आतंकी हमले में शामिल है, उसे सजा मिलेगी। हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।”

यह हमला न सिर्फ एक सुरक्षा विफलता को दर्शाता है, बल्कि धार्मिक आधार पर की जा रही हिंसा पर भी गहरी चिंता पैदा करता है।

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