विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार कांग्रेस ने प्रदेश चुनाव समिति की बैठक आयोजित की, लेकिन इस बैठक में चुनावी रणनीति से ज्यादा चर्चा पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के बिहार आगमन को लेकर हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में विधानसभा चुनाव की तैयारियों, सेट शेयरिंग और उम्मीदवारों के चयन पर भी चर्चा की जाएगी, लेकिन फिलहाल मीडिया और कार्यकर्ताओं का ध्यान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के आगमन पर केंद्रित है।
सूत्रों के अनुसार, एक्सटेंडेड सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी भाग लेने के लिए बिहार पहुंचेंगे। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी अपने बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देगी और उम्मीदवारों की सूची पर फैसला लेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठक के बाद मीडिया को विस्तृत जानकारी देंगे।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन और सीट शेयरिंग पर चर्चा अहम होगी। साथ ही यह बैठक इस साल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तैयारियों और उम्मीदवारों की संभावित सूची को लेकर महत्वपूर्ण साबित होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोनिया गांधी का बिहार आगमन पार्टी के लिए एक रणनीतिक संदेश भी है। उनका कहना है कि चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस का पूरा फोकस न केवल उम्मीदवारों के चयन पर होगा, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को सक्रिय करने पर भी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में कांग्रेस की चुनावी ताकत बढ़ाने के लिए इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस अवसर को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाया है। कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूती देगी। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में उम्मीदवारों के चयन के साथ-साथ प्रचार रणनीति और गठबंधन की स्थिति पर भी चर्चा होगी।
बैठक के बाद पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी कि बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके तहत कांग्रेस किस जिले में कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और गठबंधन में अन्य दलों के साथ सहयोग कैसे होगा, इस पर अहम फैसला होने की संभावना है।
इस प्रकार, बिहार कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक न केवल चुनावी रणनीति तय करने के लिए अहम है, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आगमन के कारण राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। बैठक के नतीजे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की दिशा और कांग्रेस की भूमिका को स्पष्ट करेंगे।
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