हैदराबाद के कुकटपल्ली इलाके में स्थित पौष स्वान लेक अपार्टमेंट में हुई एक हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था और घरेलू नौकरों की जाँच पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले का हर पहलू चौंकाने वाला है। मृतका की पहचान 50 वर्षीय रेणु अग्रवाल के रूप में हुई है, जो अपने पति राकेश अग्रवाल के साथ फ्लैट नंबर 1311 में रहती थीं। 10 सितंबर की शाम जब राकेश घर लौटे, तो दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला।
इसके बाद शक होने पर राकेश सोसाइटी के लोगों और प्लंबर की मदद से बालकनी के रास्ते घर में दाखिल हुए। अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था। रेणु बेडरूम में खून से लथपथ पड़ी थीं। उनका सिर प्रेशर कुकर से बेरहमी से कुचला हुआ था। इतना ही नहीं, उनके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे। शरीर पर कैंची से कई जगह वार किए गए थे। इतना ही नहीं, चाकू से हमला करके उनकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद हत्यारों ने घर में लूटपाट की। बैग में गहने और नकदी भर ली। लेकिन हत्या की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। घटना के बाद, दोनों हत्यारे बाथरूम गए और खून से सने अपने कपड़े उतारे, घर से लाए दूसरे कपड़े पहने, खूब नहाया, शरीर से खून के धब्बे मिटाए और कपड़ों पर परफ्यूम भी लगाया। इसके बाद उन्होंने बैग उठाया और लिफ्ट से नीचे उतरे। राकेश अग्रवाल की स्कूटी लेकर फरार हो गए।
पुलिस जाँच में पता चला कि इस जघन्य वारदात के पीछे दो घरेलू नौकरों का हाथ था। हर्ष और रोशन। दोनों झारखंड के रांची के रहने वाले हैं और स्वान लेक अपार्टमेंट की 13वीं और 14वीं मंजिल पर अलग-अलग घरों में काम करते थे। हर्ष, राकेश और रेणु अग्रवाल 11 दिन पहले ही एक एजेंसी के ज़रिए घर आए थे। रोशन पिछले 11 महीनों से यहाँ काम कर रहा था। इसलिए परिवार ने उस पर भरोसा किया।
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, हत्या का मकसद दुश्मनी नहीं, बल्कि लूटपाट थी। दोनों ने मिलकर साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद वे हैदराबाद से गहने और नकदी लेकर फरार हो गए। इसके बाद वे अपने गृह राज्य रांची पहुँचे। लेकिन किस्मत ने उनका ज़्यादा समय तक साथ नहीं दिया। रांची में जिस कैब में ये दोनों सवार थे, उसने उन्हें पहचान लिया। दरअसल, उनकी तस्वीरें वायरल हो गई थीं।
कैब ड्राइवर ने तुरंत रांची पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों और उन्हें पनाह देने वाले रोशन के भाई को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को ट्रांजिट रिमांड पर हैदराबाद लाया गया। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि लूटे गए कुछ गहने रांची में बेचे गए थे, जिनकी बरामदगी की जा रही है। हैदराबाद पुलिस अब कोलकाता की उस प्लेसमेंट एजेंसी से भी पूछताछ कर रही है।
हर्ष और रोशन को इसी एजेंसी के ज़रिए काम पर लाया गया था। पुलिस लोगों को सलाह दे रही है कि वे सिर्फ़ एजेंसी पर भरोसा न करें, बल्कि उनकी पृष्ठभूमि की अच्छी तरह जाँच करें और ज़रूरत पड़ने पर पुलिस की मदद लें। इसके लिए हर राज्य की पुलिस घरेलू सहायकों के सत्यापन के लिए एक बाक़ायदा फ़ॉर्म देती है, जिसमें उनकी हर जानकारी दर्ज होती है।
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