Next Story
Newszop

ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या, निक्की के बेटे का दर्दनाक बयाना, परिवार में मातम

Send Push

निक्की दहेज हत्या मामले में अब पीड़ित परिवार की व्यथा और गहराई से सामने आई है। मृतक निक्की का पांच साल का बेटा अब नाना के घर रह रहा है। बच्चे ने घटना के दौरान जो देखा, वह अत्यंत दर्दनाक और सदमा देने वाला है।

बच्चे ने बताया कि उस दिन उसके पिता ने मां पर पहले कुछ डाला और फिर थप्पड़ मारा। इसके बाद लाइटर से आग लगा दी। घटना के दौरान जब बच्चा भी वहां था, उसे थप्पड़ मारकर नीचे भेज दिया गया। इस भयानक हादसे के बीच छोटा बच्चा केवल अपनी मां की मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन कुछ भी कर नहीं सका।

रविवार को बच्चा भीड़ के बीच अपनी मां को तलाशते हुए दिखाई दिया। उसने बताया कि उस भीड़ में उसे केवल सहानुभूति ही मिली, कोई उसकी मदद नहीं कर सका। यह दृश्य बच्चे की मासूमियत और घटना की भयावहता को स्पष्ट करता है। पांच साल का बच्चा अपनी मां की रक्षा करने की कोशिश करता रहा, लेकिन परिस्थितियों ने उसे रोक दिया।

वहीं, मृतक निक्की की बड़ी बहन कंचन का कहना है कि उसे अत्यंत दर्द है कि वह उसी घर में थी, लेकिन अपनी बहन को बचा नहीं सकी। कंचन की यह बात परिवार में गहरे दुख और अपराध की तीव्र भावना को दर्शाती है। परिवार के सदस्य इस घटना के बाद मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहद प्रभावित हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि दहेज हत्या जैसे मामलों में केवल कानूनी कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं होती, बल्कि समाज और परिवार को भी बच्चों और अन्य परिवारिक सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के भयानक अनुभव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर लंबे समय तक असर डाल सकते हैं।

पुलिस और प्रशासन ने बताया कि आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उसे जल्द ही न्यायिक हिरासत में लिया जाएगा। साथ ही, परिवार को सुरक्षा और राहत मुहैया कराने के लिए प्रशासन ने कदम उठाए हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बच्चा अब सुरक्षित जगह पर है और उसे भावनात्मक सहारा दिया जा रहा है।

इस घटना ने ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा की गंभीरता को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में समाज को सजग रहना होगा और कानून के माध्यम से बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

निक्की हत्याकांड ने यह संदेश दिया है कि पारिवारिक और सामाजिक संरचनाओं में बदलाव और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता कितनी गंभीर है। बच्चा और कंचन जैसी पीड़ितें केवल न्याय और सुरक्षा की उम्मीद पर निर्भर हैं। प्रशासन, पुलिस और समाज की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों में पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता दिखाई जाए।

Loving Newspoint? Download the app now