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बस्तर के माओवादी जंगल से शहरी क्षेत्रों की ओर बढ़े, रायपुर और कोरबा में गिरफ्तारियां

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बस्तर के जंगलों में सक्रिय माओवादियों की गतिविधियां अब शहरी इलाकों तक पहुंचने लगी हैं। सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों और ऑपरेशनों से दबाव में आए माओवादी अब शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। इस बढ़ती खतरे की छाया में हाल ही में रायपुर और कोरबा जैसे शहरी क्षेत्रों से तीन माओवादियों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें एक दंपती भी शामिल था।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, माओवादियों की यह चाल रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है। जंगलों में लगातार छापेमारी और सुरक्षा बलों की सक्रियता के कारण वे अब ऐसे क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, जहां उनकी गतिविधियों पर नजर रखना अधिक चुनौतीपूर्ण है। रायपुर और कोरबा में हुई गिरफ्तारी इस बदलाव की पुष्टि करती है।

अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार माओवादी लंबे समय से सक्रिय थे और शहरी इलाकों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए माओवादी से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे शहरों में किन गतिविधियों की योजना बना रहे थे।

विशेषज्ञों का कहना है कि माओवादियों का शहरों में प्रवेश सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ा सकता है। शहरी इलाकों में जनसंख्या अधिक होने और निगरानी की सीमितता के कारण इनकी गतिविधियों का पता लगाना कठिन हो जाता है। इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियां शहरों में भी सतर्क हो गई हैं और शहरी क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है।

राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल इस समय उच्च सतर्कता पर हैं। उन्होंने बताया कि शहरों में माओवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। इसके तहत संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है और निगरानी बढ़ाई जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि माओवादी शहरी इलाकों में सक्रिय होकर जनसंपर्क, वित्तीय नेटवर्क और सामग्री आपूर्ति जैसे काम कर सकते हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

पिछले कुछ वर्षों में बस्तर के जंगलों में सुरक्षा बलों की सक्रियता के कारण माओवादी संगठनों पर दबाव बढ़ा है। अब उनका शहरी इलाकों की ओर बढ़ना इस दबाव का परिणाम माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे को गंभीरता से ले रही हैं और शहरी इलाकों में सुरक्षा इंतजाम और जांच को और सख्त कर रही हैं।

राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि माओवादी की शहरी गतिविधियों पर निगरानी लगातार जारी रहेगी। गिरफ्तारी और खुफिया जानकारी के आधार पर अगले कुछ हफ्तों में और कार्रवाइयां संभव हैं।

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