पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट परिसर में सोमवार को हिंसक घटनाओं की खबर सामने आई। आरोप है कि कोर्ट परिसर में लात-घूसे चले और कुछ मामलों में तलवारें भी लहराई गईं। इस हिंसा में कुछ वकील भी प्रभावित हुए हैं, और मामले ने कानूनी जगत में चिंता पैदा कर दी है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ वकीलों की ओर से अन्य वकीलों पर हमला किया गया। इस हिंसा में दो वकीलों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इनमें एक महिला वकील भी शामिल हैं। बार एसोसिएशन ने संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हिंसा अचानक शुरू हुई और कुछ मिनटों में कोर्ट परिसर में अराजक माहौल पैदा हो गया। सुरक्षा कर्मचारियों ने स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया, लेकिन अचानक हुई हिंसा के चलते कई लोग भयभीत हो गए।
बार एसोसिएशन ने कहा कि कोर्ट परिसर में इस तरह की घटनाएं न केवल न्यायिक प्रक्रिया के लिए खतरा हैं, बल्कि वकीलों और आम जनता के सुरक्षा एवं विश्वास पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं। उन्होंने सभी पक्षकारों से शांति बनाए रखने और कानून के दायरे में रहने की अपील की।
पुलिस ने बताया कि मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल आरोपियों की पहचान की जा रही है और जरूरी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत परिसर में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे घटनाओं को नजरअंदाज किया गया तो न्यायिक प्रतिष्ठा और कानून की संप्रभुता पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा, अदालत में वकीलों की आचार संहिता और सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
इस घटना ने कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। बार एसोसिएशन और प्रशासन ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भविष्य में कोर्ट परिसर में हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
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