भारत और यूएई के बीच एशिया कप 2025 के पहले मैच में एक दिलचस्प वाकया सामने आया जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यूएई के बल्लेबाज जुनैद सिद्दीकी के रन आउट होने के बाद अपनी अपील वापस ले ली। विकेटकीपर संजू सैमसन के थ्रो पर जुनैद क्रीज के बाहर थे, लेकिन रीप्ले में दिखा कि गेंदबाज शिवम दुबे की कमर से तौलिया गिरने के कारण बल्लेबाज का ध्यान भटक गया था। सूर्यकुमार ने खेल भावना का परिचय देते हुए अपनी अपील वापस ले ली और बल्लेबाज को वापस बुला लिया।
अब भारत के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने सूर्यकुमार के फैसले का समर्थन किया है और भारतीय कप्तान की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है। इस घटना ने एक बार फिर क्रिकेट प्रेमियों के बीच खेल भावना पर बहस छेड़ दी है। रहाणे जैसे खिलाड़ी इसकी तारीफ कर रहे हैं, वहीं चोपड़ा जैसे विशेषज्ञ इसे मैच से जोड़कर चिंता जता रहे हैं।
रहाणे ने सूर्यकुमार के फैसले का समर्थन किया
अनुभवी भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने सूर्यकुमार यादव के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला था। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "टीम इंडिया और कप्तान सूर्यकुमार का यह एक बेहतरीन फैसला था क्योंकि जुनैद रन बनाने की कोशिश नहीं कर रहे थे। मुझे लगता है कि वह क्रीज का अंदाज़ा नहीं लगा पाए होंगे। एक विकेटकीपर या फील्डर होने के नाते, जब गेंद हाथ में आती है, तो स्टंप्स पर थ्रो करना स्वाभाविक है, लेकिन सूर्यकुमार का फैसला सही था। टीम इंडिया ने बेहतरीन जज्बा और शानदार खेल भावना दिखाई। क्रिकेट में यही दिखना चाहिए। आप पूरी ताकत से खेलें, लेकिन ईमानदारी से खेलें।"
आकाश चोपड़ा ने उठाए सवाल
वहीं, पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने सूर्यकुमार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी खेल भावना भविष्य में विवाद पैदा कर सकती है। उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, "यह एक घटना-विशेष का मामला था। अगर 14 सितंबर को पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा बल्लेबाजी कर रहे होते और मैच कांटे का होता, तो सूर्यकुमार शायद ऐसा नहीं करते। अगर बल्लेबाज क्रीज से बाहर होता, तो उसे आउट कर देना चाहिए था। लेकिन जब आप खेल भावना और उदारता की बात करते हैं, तो कल भी आपसे यही उम्मीद की जाएगी। फिर सवाल उठेंगे कि आपने आज ऐसा क्यों नहीं किया, उस दिन आपने क्या किया था? इसलिए बेहतर है कि आप उस रास्ते पर न चलें।"
एक ऐसा फैसला जिसने सच्ची खेल भावना दिखाई
हालाँकि इस फैसले का मैच के नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि भारत आसानी से मैच जीत गया, लेकिन यह घटना क्रिकेट की सच्ची भावना को सामने लाने के लिए थी। सूर्यकुमार यादव ने दिखाया कि जीत से ज़्यादा ज़रूरी ईमानदारी और खेल भावना है। अब देखना यह है कि टीम इंडिया आने वाले मैचों में इस खेल भावना को बरकरार रखती है या नहीं, खासकर जब मैच मुश्किल हो और विरोधी टीम मज़बूत हो।
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