धमतरी, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । शासकीय आयुष पालीक्लीनिक धमतरी में 21 अगस्त को शून्य से 16 साल के बच्चों को स्वर्णप्रासन संस्कार कराया गया। जिसमें 400 बच्चों को स्वर्णप्रासन का ड्राप पिलाया गया।
इस कार्यक्रम में पहुंचकर कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बच्चों को स्वर्णप्रासन का ड्राप पिलाया। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं सुपोषण गतिविधियों की जानकारी लेते हुए धमतरी को कुपोषण मुक्त जिला बनाने पर जोर दिया। कुपोषण से जूझ रहे बच्चों को स्वस्थ और सुपोषित बनाने के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है।
जिले में कुपोषण उन्मूलन की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में शासकीय शासकीय आयुष पालीक्लीनिक धमतरी में चार मार्च 2023 से निशुल्क स्वर्णप्रासन संस्कार शुरू किया गया है।
आयुर्वेद के अनुसार स्वर्णप्रासन संस्कार के लिए पुष्य नक्षत्र को शुभ माना जाता है। हर 27 दिन में आने वाले पुष्य नक्षत्र में शून्य से 16 साल के बच्चों का स्वर्णप्रासन संस्कार आयुष पालीक्लीनिक में कराया जाता है। गुरुवार को शासकीय आयुष पालीक्लीनिक में 400 बच्चों का स्वर्णप्रासन संस्कार कराया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि कुपोषण मुक्त धमतरी बनाने की दिशा में आयुष विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त भूमिका अहम है। उन्होंने माताओं एवं अभिभावकों से भी बच्चों की पोषण आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डा अवध पचौरी को निर्देशित किया कि इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सतत निगरानी एवं मूल्यांकन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डा अवध पचौरी ने बताया कि कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत कुपोषण मुक्त भारत अभियान जिले के कुरुद ब्लाक से शुरू किया गया है। इस ब्लाक के 230 गंभीर कुपोषित बच्चें है। जिनके देखभाल के लिए छह शासकीय आयुर्वेद औषधालयों को चिन्हांकित किया गया है। यहां आंगनबाड़ी सुपरवाइजर और अभिभावक बच्चों को लेकर महीने में दो बार एक और 16 तारीख को संबंधित आयुर्वेद अस्पतालों में ले जाएंगे। जहां इन कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर सुवर्णप्राशन संस्कार कराया जाएगा। इसके साथ इन बच्चों को सुपोषण मोदक का वितरण किया जाएगा। अति गंभीर कुपोषित बच्चों को जिला अस्पताल के एनआरसी में रिफर करेंगे। आयुष के डाक्टर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर बच्चों का उपचार करेंगे। यह कार्यक्रम आयुष विभाग, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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