शिमला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . राजधानी शिमला में फ्लैट की आड़ में करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. चंडीगढ़ के समीप मोहाली निवासी गुरबचन सिंह बंगा की शिकायत पर एक बिल्डर/डेवलपर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 11 अप्रैल 2014 को उनका और पंचकूला स्थित राजदीप एंड कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजदीप शर्मा के बीच एक समझौता (एमओयू) हुआ था. इस समझौते के तहत शिमला के भराड़ी क्षेत्र के कालेस्टन में 1416.80 वर्ग मीटर भूमि पर फ्लैट निर्माण और बिक्री का प्रोजेक्ट तय हुआ था. पूरे प्रोजेक्ट की कीमत 7 करोड़ रुपये तय की गई थी.
शिकायत के अनुसार राजदीप शर्मा ने शुरुआत में 50 लाख रुपये अग्रिम के रूप में दिए और सुरक्षा के तौर पर 18 फ्लैट अपने नाम आवंटित करवा लिए. लेकिन इसके बाद उन्होंने न तो शेष 6 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान किया और न ही फ्लैटों का कब्जा शिकायतकर्ता को सौंपा. भुगतान की औपचारिकता पूरी करने के लिए आरोपी ने कुछ चेक जारी किए, मगर बाद में वे चेक वापस लेकर उनकी जगह बिना तारीख और कम राशि वाले नए चेक थमा दिए.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि राजदीप शर्मा ने जानबूझकर धोखाधड़ी की नीयत से ऐसा किया और बाद में उन्हीं फ्लैटों को तीसरे पक्ष को बेच दिया. यह सब न केवल एमओयू की शर्तों के खिलाफ था, बल्कि उस शपथपत्र (एफिडेविट) का भी उल्लंघन था जो आरोपी ने 9 मई 2014 को दिया था, जिसमें उसने समझौते का पालन करने की बात कही थी.
गुरबचन सिंह बंगा का कहना है कि अब तक उन्हें केवल करीब 2 करोड़ 36 लाख रुपये ही मिले हैं, जबकि लगभग 5 करोड़ 23 लाख रुपये ब्याज समेत अब भी बकाया हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें ठगने की नीयत से यह पूरा सौदा किया और करोड़ों का नुकसान पहुंचाया.
सदर थाना पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस केस में वित्तीय लेन-देन तथा फ्लैट बिक्री से संबंधित दस्तावेज खंगाले जाएंगे.
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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