–गौशालाओं की नियमित निगरानी करने का निर्देश
प्रयागराज, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि मथुरा बृंदावन के गौशालाओं में हुई गायों-बछड़ों की मौत मामले में एसआईटी गठित करने का औचित्य नहीं है। सरकार ने सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सके जरूरी कदम उठाए गए हैं।
कोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि गौशालाओं की बेहतर देखभाल की जाय और इनकी नियमित मानिटरिंग हो। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरूण भंसाली तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने प्रहलाद कृष्ण शुक्ल की जनहित याचिका पर दिया है ।
याची का कहना था कि 13 दिसम्बर 24 को धौरेरा जंगल एरिया की गोशालाओं में हुई 50 गाय बछड़ों की मौत की पिक्चर सहित खबर छपी। गायें घायल भी थी। इसकी जांच कर दोषियों को दंडित करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह याचिका दायर की गई।
सरकारी वकील ने बताया कि एक जांच टीम गठित की गई थी। अंतरिम रिपोर्ट 16 दिसम्बर 24 के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। टीम ने 7 जनवरी 25 को अंतिम रिपोर्ट पेश की है। दो गोशाला में पांच गायों की मौत हुई थी। भविष्य में ऐसी घटना न हो, कदम उठाए गए हैं। हालांकि याची ने असंतोष जताया और कहा कि गायों की मौत हुई है और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किंतु कोर्ट ने कहा एसआईटी जांच का औचित्य नहीं है। कोर्ट ने गोशालाओं की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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