भोपाल, 1 जून . मध्य प्रदेश में नौतपा में आंधी-बारिश का दौर जारी है. प्रदेश में जून महीने में लू की संभावना नहीं है. आज भी कई हिस्सों में बूंदाबांदी का अलर्ट जारी किया गया है. जबकि कई जगहों पर दिन का तापमान बढ़ेगा. वहीं कई जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीगे.
मौसम विभाग के अनुसार, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे. इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा. वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना. मई के आखिरी दिन भी उमरिया और बालाघाट जिले में बारिश हुई. इसे मिलाकर इस महीने ओवरऑल करीब 2 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य बारिश से 7 गुना अधिक है. इस महीने की सामान्य बारिश 7 मिमी है. मौसम विभाग ने बताया कि मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश का दौर इसलिए रहा कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ की एक्टिविटी देखने को मिली. लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे. इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा. आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा.
इस साल अप्रैल में जितनी गर्मी थी, उतनी मई में नहीं रही. अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. पिछले सालों की डेटा स्टडी से पता चलता है कि मई में निवाड़ी के पृथ्वीपुर, छतरपुर के नौगांव, खजुराहो, निवाड़ी, ग्वालियर, राजगढ़, दतिया, टीकमगढ़, सतना, दमोह, उज्जैन, गुना, शाजापुर, खंडवा, खरगोन जैसे कई शहरों में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस या इसके पार पहुंच चुका है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा. नौतपा में भी कम ही गर्मी रही. नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा. बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा.
इस साल रिकॉर्ड टूटे
इंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी 4.2 इंच पानी गिरा था जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी 4.6 इंच पानी गिर गया है. इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है. उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है. इस बार 111.8 मिमी यानी 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है. साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी. इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है. देवास में मई में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई. यहां पर इस बार 6.3 इंच से ज्यादा पानी गिर गया. मई में ऐसा मौसम पहली बार है, जब पूरे महीने ही आंधी-बारिश का दौर रहा.
जून में कैसा रहेगा मौसम
इसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है. इस वजह से अगले चार दिन यानी 4 जून तक आंधी-बारिश का अलर्ट है. कई शहरों में दिन-रात के पारे में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. उमस भी बढ़ जाएगी. इधर, मानसून 7 से 10 जून के बीच प्रदेश में प्रवेश कर सकता है. यदि पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानसून के एंटर होने से पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहता है. सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल गर्म रहता है जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग भी जमकर तपते हैं.
/ उम्मेद सिंह रावत
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