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तीन महीने की नाकाबंदी के बाद गाजा में पहली बार पहुंची राहत सामग्री, यूएन ने कहा- 'ये तो सिर्फ शुरुआत है'

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तेल अवीव/गाजा, 19 मई . लगभग तीन महीने की नाकाबंदी के बाद गाजा पट्टी में सोमवार को पहली बार राहत सामग्री लेकर पांच ट्रक पहुंचे. इस सहायता में शिशु आहार सहित अत्यंत आवश्यक वस्तुएं शामिल रही. जानकारी के अनुसार, ये ट्रक इजराइल और संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के बाद केरम शालोम सीमा चौकी के जरिए गाजा में प्रवेश कर सके.

इजराइली रक्षा समन्वय निकाय (सीओजीएटी) ने बताया कि यह आपूर्ति गाजा में फंसे 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों के लिए एक राहत की किरण है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया है कि स्थिति बेहद विकट है और इतनी कम मात्रा में मदद समंदर में एक बूंद के समान है.

‘भुखमरी की कगार पर गाजा’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर ने कहा, “गाजा में हालात इतने भयावह हैं कि कुछ ट्रकों से कोई बड़ा असर नहीं पड़ने वाला. भुखमरी की आशंका बनी हुई है और जमीनी हालात बेहद अस्थिर हैं.”

सीओजीएटी के अनुसार, मंगलवार को चार और यूएन ट्रकों को प्रवेश की अनुमति दी गई है. हालांकि, युद्धविराम के दौरान पहले प्रति दिन लगभग 600 ट्रक गाजा में प्रवेश करते थे.

राहत की आस, लेकिन खतरे भी बरकरार

यूएन का कहना है कि जमीनी हालात इतने अराजक और असुरक्षित हैं कि राहत सामग्री लूटी जा सकती है. फ्लेचर ने इजराइल से अपील की है कि वह गाजा के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में कई राहत मार्ग खोलें, ताकि सहायता नियमित रूप से और सुरक्षित तरीके से पहुंचाई जा सके.

इजराइल ने फिर शुरू किया सैन्य अभियान

इस राहत वितरण के बीच, इजरायल ने गाजा में नए सिरे से जमीनी और हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. सेना ने गाजा के दूसरे सबसे बड़े शहर खान यूनुस को खाली करने का आदेश दिया है. पहले इसी शहर में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की गई थी, जिससे पूरा इलाका खंडहर में तब्दील हो गया था.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इज़रायल का लक्ष्य पूरे गाजा पर नियंत्रण स्थापित करना है और एक ऐसी राहत वितरण प्रणाली बनाना है, जिसमें हमास की कोई भूमिका न हो. उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल गाजा की बड़ी आबादी को अन्य देशों में ‘स्वेच्छा से पलायन’ के लिए प्रोत्साहित करेगा.

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/ आकाश कुमार राय

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