Prayagraj, 07 नवम्बर (Udaipur Kiran) . इलाहाबाद
उच्च न्यायालय ने जिला भदोही के मजिस्ट्रेट के समक्ष समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद जमाल बेग की पत्नी सीमा बेग के खिलाफ चल रहे आपराधिक कार्यवाही और आरोप पत्र को रद्द कर दिया.
आरोप पत्र और आपराधिक कार्यवाही इस आरोप पर शुरू की गई थी कि याचिकाकर्ता और उसके पति यानी सह-आरोपित जाहिद जमाल बेग ने एक नाबालिग लड़की से बिना पैसे दिए काम करवाया. जिसके लिए किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम और बंधुआ मजदूरी प्रणाली (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.
न्यायाधीश समीर जैन ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, इस मामले में, कोई आरोप नहीं है कि कथित पीड़ितों को याचिकाकर्ता द्वारा बंधक बनाकर रखा गया था और इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता ने उनकी कमाई को रोक रखा था या उनकी कमाई का उपयोग अपने स्वयं के उद्देश्य के लिए किया था. इसलिए, प्रथम दृष्टया किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 79 के तहत भी अपराध याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं बनता है.
न्यायालय ने आगे कहा, इस मामले में, न तो कोई सबूत है और न ही आरोप है कि याचिका कर्ता ने पीड़ितों को बंधुआ मजदूरी करने के लिए मजबूर किया था और इसलिए, बंधुआ मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध भी याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं बनता है.
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार यह स्पष्ट है कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से प्रथम दृष्टया धारा 143 बीएनएस, 79 किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और 4/16 बंधुआ मजदूरी अधिनियम के तहत अपराध याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं बनता है. कोर्ट ने याची सीमा बेग के खिलाफ पूरी कार्यवाही और आरोप पत्र को रद्द कर दिया.
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
You may also like

अजीबोगरीब सवाल: IAS इंटरव्यू में पूछे जाने वाले अनोखे प्रश्न

पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट और सिंडिकेट भंग का निर्णय वापस, छात्रों का विरोध थमा

नींद मेंˈ गलती से दबा बटन बैंक क्लर्क ने ट्रांसफर कर दिए 2000 करोड़ फिर जो हुआ जानकर चौंक जाएंगे﹒

ना डॉक्टरˈ ना खर्चा… बस ये देसी पेस्ट बना लें और देखें कैसे पीले दांतों की जगह दिखेगी सफेद चमक﹒

कब्ज से राहत पाने के लिए स्वामी रामदेव के 5 प्रभावी उपाय




