भोपाल, 15 मई . कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में मंत्री पद से त्यागपत्र नहीं देंगे. मप्र उच्च न्यायालय के आदेश पर उनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर के बाद वे अंडरग्राउंड हो गए हैं. उनके भोपाल स्थित आवास और ऑफिस से लेकर खंडवा स्थित आवास तक सन्नाटा पसरा है. यहां तक कि इंदौर स्थित फ्लैट पर भी ताला लगा है. इंदौर में वन विभाग और जनजातीय विभाग की कार्यशाला के होर्डिंग्स पर लगे मंत्री विजय शाह के मुस्कुराते फोटो को छिपा दिया गया है. उनके फोटो की जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फोटो लगाए गए हैं. वहीं, कांग्रेस उनके इस्तीफे की मांग कर प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रही है.
मंत्री विजय शाह के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. गुरुवार को भी कांग्रेस ने भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में प्रदर्शन कर मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग की. हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्री के इस्तीफे के सवाल पर कहा कि कांग्रेस पहले अपने नेता सिद्धारमैया से इस्तीफा मांगे. कांग्रेस खुद भ्रष्टाचार से घिरी है, उसके मंत्रियों पर मुकदमे चल रहे हैं, फिर भी वह दूसरों पर सवाल उठा रही है. कांग्रेस ने चुनावों में अरविंद केजरीवाल का साथ दिया था, जो मुख्यमंत्री होते हुए जेल गए थे.
गुरुवार को दिनभर चले घटनाक्रम में भाजपा के मध्य प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की. माना जा रहा है कि महेंद्र सिंह ने शाह से जुड़े अब तक के घटनाक्रम के बारे में बीएल संतोष को जानकारी दी है. इधर, गुरुवार देर शाम फिर मुख्यमंत्री आवास पर मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने शाह मामले पर बैठक की. बैठक में तय किया गया कि फिलहाल कोई सख्त कार्रवाई करने के बजाय कोर्ट के रुख का इंतजार किया जाए. कैबिनेट से बर्खास्तगी जैसे सख्त कदम उठाने से भी पार्टी परहेज करेगी.
मंत्री बागरी और विधायक डोडियार ने किया मंत्री शाह का बचाव
मंत्री प्रतिमा बागरी और रतलाम से सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार मंत्री विजय शाह के बचाव का बचाव करते नजर आए. मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि विजय शाह की मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी. शब्दों की हेराफेरा जरूर हुई है. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है.
वहीं, विधायक डोडियार ने गुरुवार को कहा कि मुश्किल से आदिवासी व्यक्ति को मंत्री बनने का मौका मिलता है. विजय शाह एक मंजे हुए राजनेता हैं, जो बात उन्हें विनम्रता पूर्वक कहनी थी वो बात उन्होंने दोनों देशों में मौजूदा हालातों के कारण जोश में कह दी. जिस पर दुनिया ने अपने तरीके से अर्थ निकालने शुरू कर दिए. पार्टी और विचारधारा अपनी जगह पर है, हम शाह का समर्थन करते हैं. उन्हें टारगेट इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वो आदिवासी है.
इधर, मंत्री विजय शाह के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि न्यायालय ने जो कहा, सरकार ने उसका पालन किया है. न्यायालय जो कहेगा, हम उस हिसाब से चलते जाएंगे. मंत्री के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद सवालों के घेरे में है. उनके हर नेता पर कोई न कोई मामला लंबित है. फिर भी वे दूसरों से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. आज तक वे अपने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सिद्धरमैया को नहीं हटा पाए, ऐसे लोग मांग करने के लायक नहीं हैं.
वहीं विजय शाह के बयान को लेकर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि को संयम रखना चाहिए. मंत्री पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर इस विषय पर चर्चा चल रही है. नेतृत्व इस मामले को लेकर गंभीर है.
भोपाल मध्य विधानसभा से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कर्नल सोफिया को पत्र लिखकर मंत्री विजय शाह के बयान पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि अभद्र भाषा का उपयोग करने वाले बेशर्म मंत्री से भले ही भाजपा सरकार ने इस्तीफा न लिया हो, परंतु मैं मप्र की देश भक्त जनता की तरफ से आपसे माफी मांगता हूं. मामले में कांग्रेस विधायक शुक्रवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात करेंगे. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि कांग्रेस के विधायक राज्यपाल से मुलाकात कर ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करेंगे.
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तोमर
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