रामगढ़, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) . डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज ने सीपीआर को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का लाभ आपातकाल में लोगों को मिल रहा है. जिस सड़क हादसे में लोगों की जान चली जाती थी, अब भीषण सड़क हादसों में घायलों की जान सीपीआर देकर आम नागरिक बचा रहे हैं. जिले के कुजू ओपी क्षेत्र में 2 दिन पहले हुई सड़क हादसे में महिला और बच्चे की जान सीपीआर देने की वजह से ही बच सकी. कलाकारों का परिवार डीसी की पहल की वजह से आज अपने घर को संभालने के लिए जिंदा बचा हुआ है.
कुजू के मुरपा बस्ती के रहने वाले सुबोध कुमार रजक अपने परिजनों और कलाकारों के साथ देर रात लौट रहे थे. डटमा मोड़ के पास खड़े ऑटो को एक हाइवा ने जोरदार टक्कर मारी. इस हादसे में सुबोध रजक की मौत हो गई. लेकिन उनकी पत्नी ममता देवी (28), पुत्र मयंक (10) और अंश कुमार (7)और पुत्री मिस्टी कुमारी (5) के अलावा एक युवक और दो महिला कलाकार घायल हो गए थे.
एंबुलेंस आने तक घायलों को दिया गया सीपीआर
दुर्घटना के बाद लगी भीड़ घायलों की जान बचाने का प्रयास कर रही थी. मौके पर पहुंची पुलिस भी मृतक के शव को हटाकर घायलों को अस्पताल पहुंचने का इंतजाम जुटा रही थी. लेकिन हादसा इतना भीषण था कि घायल लोग अपनी सांस तक नहीं ले पा रहे थे. भीड़-भाड़ में शामिल कुछ लोग सीपीआर देने का प्रशिक्षण ले चुके थे. उन लोगों ने घायलों की सहायता की और एंबुलेंस आने तक उन्हें सीपीआर दिया. उनकी इस पहल ने मृतक सुबोध रजक के उन परिवारों की जान बचाई, जिन्हें बचाना लगभग नामुमकिन था. घायलों को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तो चिकित्सकों ने लोगों की इस पहल की सराहना की.
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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