सियोल/वॉशिंगटन, 07 सितंबर (Udaipur Kiran) । अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में दो दक्षिण कोरियाई कंपनियों द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी प्लांट पर हुई इमिग्रेशन रेड ने सियोल में राजनीतिक और निवेश हलचल पैदा कर दी है। यह छापा ऐसे समय पर पड़ा है जब राष्ट्रपति ली जे म्युंग हाल ही में व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे और दोनों देशों के बीच बड़े निवेश समझौते का ऐलान किया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसियों ने प्लांट के निर्माण स्थल से करीब 300 दक्षिण कोरियाई नागरिकों को हिरासत में लिया। इनमें से ज्यादातर हुंडई मोटर और एलजी एनर्जी सॉल्यूशन की संयुक्त परियोजना में काम कर रहे थे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये कर्मचारी किस वीजा श्रेणी के तहत अमेरिका आए थे और क्या उन्हें वहां कार्य करने की वैध अनुमति थी।
दक्षिण कोरियाई सरकार ने कहा है कि वह अपने नागरिकों की रिहाई के लिए कूटनीतिक स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है और जैसे ही प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी होंगी, उन्हें स्वदेश लाने के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट भेजी जाएगी।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सियोल और वॉशिंगटन ने हालिया शिखर बैठक में रणनीतिक गठबंधन और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश की थी। इस समझौते के तहत अमेरिका में विस्तार कर रही कोरियाई कंपनियों के लिए 350 अरब डॉलर का फंड बनाया गया है, जिसमें से 150 अरब डॉलर शिपबिल्डिंग सेक्टर के लिए रखे गए हैं। इसके अलावा निजी कंपनियों ने भी अमेरिका में 150 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष निवेश का वादा किया है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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